भारतीय संविधान की धारा 370 कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देती है।
कश्मीर ही क्यों भारतवर्ष का प्रत्येक राज्य विशेष है। भारतवर्ष 44 जनगोष्ठियों का
देश रहा है। उनकी भौगोलिक संरचना के अनुसार आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक थातियों
का निर्माण हुआ है। इसके संरक्षण एवं संवर्धन के बिना प्राचीन भारतवर्ष की सभ्यता एवं
संस्कृति को रेखांकित नहीं किया जा सकता है। नूतन भारतवर्ष के निर्माण की प्रथम प्राथमिकता
आर्थिक प्रजातंत्र की स्थापना है। आर्थिक प्रजातंत्र की अवधारणा एक सामाजिक आर्थिक
इकाई की सुदृढ़ता एवं विश्व बंधुत्व की भावना में निहित है।
👉 भारतीय संविधान की धारा 370 के कारण कश्मीर को अपना संविधान रखने का अधिकार मिला। जिसमें कई दोषपूर्ण प्रावधान है। जो भारतवर्ष की एकता एवं अखंडता को चुनौती देते है। किसी भी देश की संप्रभुता के लिए राज्यों को राष्ट्र के आदर्श, एकता एवं अखंडता की मर्यादा को बनाए रखना आवश्यक है। यदि किसी राज्य में इसके लिए संगठित अथवा असंगठित प्रयास होते है तो उस राष्ट्र को उसे रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
👉 मैं एक संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर ले चलता हूँ। वहाँ प्रत्येक राज्य का अपना संविधान है, अपनी नागरिकता है तथा अपने -अपने ध्वज है। इसके चलते हुए भी संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली राज्य है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि प्रत्येक राज्य राष्ट्र की संप्रभुता को प्रथम स्थान देता है। राष्ट्र संप्रभुता पर प्रश्न उठाने अथवा उठाने की संभावना के दृष्टिगोचर होते ही संघ का संविधान कठोर बन जाता है। उसके समक्ष राज्यों के संविधानों को नतमस्तक होना पड़ता है।
👉 कश्मीरी संविधान अपने राज्य के समक्ष देश गौण बताता है। यहाँ भारतवर्ष एवं उसके आदर्श प्रतिमानों का अपमान करना अपराध नहीं माना जाता है। इस प्रकार के त्रुटिपूर्ण विधान के बावजूद भी भारत संघ मौन दृष्टा बना खड़ा रहता है।
👉 भारतीय संविधान की धारा 370 के दोषपूर्ण प्रावधान को हटाकर एक सशक्त प्रावधान के साथ सभी राज्यों में स्थापित करनी चाहिए। कश्मीर के संविधान के उन तथ्यों को समाप्त कर देना चाहिए। जिससे वह भारतवर्ष से अलग जाने की बात सोच रहा है। भारत संघ के संविधान को राज्यों के संविधान से प्रथम एवं एक आदर्श प्रतिमान के रुप में स्थापित करना चाहिए।
👉 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में समय-समय पर बहुत से संशोधन हुए है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कश्मीर के शासनाध्यक्ष का नाम प्रधानमंत्री से बदलकर मुख्यमंत्री रखना भी है। इस प्रकार भारत सरकार अपने संविधान के अनुच्छेद 370 को पुनः परिभाषित एवं संगठित कर एक सशक्त देश एवं समृद्ध राज्यों के निर्माण की कार्यशाला का निर्माण कर सकता है।
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करण सिंह शिवतलाव
@कश्मीर भारतवर्ष का अभिन्न अंग है।@ विश्व सरकार की ओर
@कश्मीर भारतवर्ष का अभिन्न अंग है।@ विश्व सरकार की ओर