*सिरमौर समाज*
हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला अपनी प्राकृतिक विशेषताओं के कारण एक समाज कहलाता है। यह जिला पहाड़ी रियासतों मे अपनी अहम् भुमिका रखने के कारण सभी जिलो का सिर का ताज था जिस कारण सिरमौर कहा गया था। स्थानीय भाषा के सिरमौरी शब्द का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि लोग आज भी इसे ठेठ पहाड़ी में 'सरमऊर' बोलते है जिसकी उत्पति 'सर' यानि कि तालाब और 'मऊर' यानि महल से हुई है अर्थात तालाब के किनारे महल। बाद मे वर्ण व शब्द परिवर्तन से सरमऊर का सिरमौर नाम पड़ा। सिरमौर बाहरी हिमालय में स्थित है, जिसे सामान्यता शिवालिक रेंज के रूप में जाना जाता है। इसके उतर में पहाड़ी समाज का जिला शिमला, पूर्व में राज्य उतराखंड, दक्षिण में राज्य हरियाणा और उत्तर-पश्चिम में पहाड़ी समाज के सिलोन जिले की सीमायें लगती है। यहाँ की भाषा व संस्कृति सिरमौरी है।
*1. सिरमौर भुक्ति* - सिरमौर जिला हिमाचल प्रदेश के जिलों में एक जिला है, सिरमौर शिमला मण्डल का जिला है और इसका मुख्यालय *नाहन* है। सिरमौर जिले में 7 तहसीलें है जो की नहान, पाउंटा साहिब, पछाद, शिलाई, संग्राम, राजगढ़ और दादाहू इन 7 तहसीलों को फिर से 6 विकास खंडों नहान, पाउंटा साहिब, पछाड़, शिलाई, संग्राम, राजगढ़ और 6 उप तहसील नोहरा, कामरा, रोनाट, नारग, पहॉोटा, हरिपुरदर में विभाजित किया है, 228 ग्राम पंचायतें तथा 976 गांव है।
*राजनैतिक स्वरुप* - सिरमौर जिले में 4 विधान सभा क्षेत्र है जिनके नाम - नाहन, श्री रेणुकाजी, पौंट साहिब व शिलाई और ये सभी शिमला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
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