*1. प्रउत को पढ़े, जाने एवं समझे।*
*2. सदविप्र बनने का प्रयास करें।*
*3. यम नियम व षोडश विधि का कठोरता से पालन करें।*
*4. आनन्द मार्ग की आदर्श जीवनशैली को यथाशीघ्र आत्मसात करें।*
*5. आनन्द मार्ग दर्शन को पढ़े, जाने, समझें तथा जीवन में उतारने का प्रयास करें।*
*6. अपने चिंतन एवं सोच को नव्य मानवतावाद के सांचे में ढ़ालें।*
*7. अपनी समाज इकाई की भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास, भूगोल व वाणिज्य को जाने तथा तदनुकूल अपने समाज को प्रगति के पथ पर ले चलें।*
*8. अपने अंतकरण में संगच्छधवं को स्थापित कर समाज को उस पथ पर ले चलें।*
*9. अपने क्षेत्र की खोई हुई सांस्कृतिक शक्ति का उत्थान करें।*
*10. अपने समाज के आर्थिक उत्थान की योजना बनाए तथा उसको मूर्त रुप देने की पुरी कोशिश करें।*
*11. अपनी समाज इकाई को संगठित करें तथा प्रगति के पथ पर ले चलें।*
*12. आदर्श नागरिक की आचरण संहिता का निर्माण करें तथा पालन करें।*
*13. स्वयं व अपनी समाज इकाई को आध्यात्मिक नैतिकता की ओर ले चलें।*
*14. स्वयं व समाज के नागरिकों के मन में विश्व एकता व एक, अखंड व अविभाज्य मानव समाज का भाव कुटकर भरें।*
*15. अनुशासन नियमावली को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।*
*16. समष्टि हित के सभी प्रकार के त्याग के लिए तत्पर रहें।*
समाज आंदोलन प्रउत स्थापना की ओर बढ़ता कदम है
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