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1. परिचय - राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है।इस राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। इसके अतिरिक्त यह देश के अन्य पाँच राज्यों से भी जुड़ा है। इसके दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। राजस्थान में तीन बाघ अभयारण्य, मुकंदरा हिल्स, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। राजस्थान का सबसे नया संभाग भरतपुर है। राजस्थान का सबसे छोटा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से धौलपुर है, और सबसे बड़ा जिला जैसलमेर हैं।
2. इतिहास - प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में सिंधु घाटी सभ्यता की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। ब्रिटिशकाल में राजस्थान 'राजपूताना' नाम से जाना जाता था। राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण प्रांत है। यह 30 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा प्रांत बना, जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकतवर रियासतें विलीन हुईं। भरतपुर के जाट शासक ने भी अपनी रियासत के विलय राजस्थान में किया था। राजस्थान शब्द का अर्थ है: 'राजाओं का स्थान' क्योंकि ये राजाओ से रक्षित भूमि थी। इस कारण इसे राजस्थान कहा गया था।
3.भूगोल - राजस्थान की आकृति लगभग पतंगाकार है। राज्य २३ ३ से ३० १२ अक्षांश और ६९ ३० से ७८ १७ देशान्तर के बीच स्थित है। इसके उत्तर में पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा, दक्षिण में मध्यप्रदेश और गुजरात, ८पूर्व में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश एवं पश्चिम में पाकिस्तान हैं। भौगौलिक प्रदेश - 1. थार का मरुस्थल, 2. अरावली पर्वतमाला, 3. पूर्व का मैदान तथा 4. दक्षिण का पठार है।
4. नामकरण - वाल्मीकि ने राजस्थान प्रदेश को ‘मरुकान्तार‘ कहा है।
राजपूताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में जॉर्ज थॉमस ने किया।
विलियम फ्रेंकलिन ने 1805 में ‘मिल्ट्री मेमोयर्स ऑफ मिस्टर जार्ज थॉमस‘ नामक पुस्तक प्रकाशित की। उसमें उसने कहा कि जार्ज थॉमस सम्भवतः पहला व्यक्ति था, जिसने राजपूताना शब्द का प्रयोग इस भू-भाग के लिए किया था।
कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नाम ‘रायथान‘ रखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को ‘रायथान‘ कहते थे। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक 'Annals & Antiquities of Rajas'than' (or Central and Western Rajpoot States of India) में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।
26 जनवरी, 1950 को इस प्रदेश का नाम राजस्थान स्वीकृत किया गया।
5. राजनीति - राजस्थान में 200 सदस्य विधानसभा में तथा 25 लोकसभा में तथा 10 सदस्य राज्यसभा में चुने जाते है। राजस्थान की विधानसभा में 1990 तक कांग्रेस का बहुमत रहा यद्यपि जनता पार्टी युग में परिवर्तन हुआ था उसके बाद काग्रेस व भाजपा में लुकाछूपी का खेल हो रहा है ।
राजस्थान में समाज आंदोलन
राजस्थान में 5 समाज इकाइयां है
*मारवाड़ी समाज*
मारवाड़ी समाज (राजपुताना भारतवर्ष)
A. बीकानेर संभाग
1. गंगानगर
2. हनुमानगढ़
3. बीकानेर
4. चुरु
B. जोधपुर संभाग
5. जोधपुर
6. जैसलमेर
7. बाडमेर
8. जालोर
9. सिरोही
10. पाली
C. अजमेर संभाग
11. नागौर
12. अजमेर
13. टोक
( इस संभाग का भीलवाड़ा मेवाड़ी समाज में है)
D. जयपुर संभाग
14. झूंझनू
15. सीकर
16. जयपुर
17. दौसा
( इस संभाग का अलवर जिला हरियाणवी समाज में है)
E. भरतपुर संभाग
18. करौली
19. सवाई माधोपुर
( इस संभाग के भरतपुर व धौलपुर जिले ब्रज समाज में है)
*2. मेवाड़ी समाज*
1.भीलवाड़ा
2. राजसमन्द
3. उदयपुर
4.चितौड़गढ़
5.प्रतापगढ़
6.डुंगरपुर
7.बांसवाड़ा
3. *हाड़ौती समाज*
1.बुंदी
2.कोटा
3.बारा
4.झालावाड़
4. ब्रज समाज
1. भरतपुर
2. धौलपुर
5. हरियाणवी समाज
1. अलवर
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