2019 में भारत का प्रधानमंत्री कौन ?

👉 देश आजाद होने से आज दिन तक यह प्रश्न कभी भी महत्वपूर्ण नहीं रहा कि भारतवर्ष का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा? सदैव यह प्रश्न होता था अबकी बार किसकी सरकार बनेगी। संसदीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का प्रश्न गौण रहता है। पार्टी का विचार महत्वपूर्ण होता है। लेकिन जब से मोदी का केन्द्रीय राजनीति में आगमन हुआ है एक प्रश्न महत्वपूर्ण हो गया है कि 2019 में देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। क्योंकि 2014 का चुनाव भी पार्टी नहीं मोदी लड़ा था। मोदी समक्ष प्रधानमंत्री पद कोई उम्मीदवार नहीं था। अवश्य ही केजरीवाल ने मोदी को चुनौती दी थी लेकिन वह हाथी समक्ष चुहिया सी चुनौती थी। इस बार भी मोदी चुनाव लड़ रहा है जबकि उनके समक्ष कोई उम्मीदवार नहीं है। इसका अभिप्राय यह नहीं है कि मोदी निर्विरोध चुनाव जीतने वाले हैं। मोदी के समक्ष एक लम्बा लाम्बंध चुनाव लड़ने की संभावना है।
 2014 में भारतीय जनता के समक्ष मोदी का चयन एक प्रश्न था। जिसमें मोदी चयनित हो गया लेकिन इस बार मोदी की परीक्षा है। जिसका प्रश्न पत्र पिछली बार भांति सरल नहीं है। प्रश्न पत्र में कई टेड़ेमेड़े सवाल है। यह भी सत्य है कि इस बार मोदी पिछली बार की अपेक्षा होशियार भी है, परीक्षकों चहेता भी है फिर भी मंजिल सहज नहीं है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री जी अधिकतर समय भारतवर्ष के विभिन्न मुख्यमंत्रियों की परीक्षा देने में गया है। हर परीक्षा को उत्तीर्ण करने में प्रथम श्रेणी नहीं आई है। कई बार तृतीय श्रेणी तो सानुग्रह होना पड़ा है। पूरक एवं अनुत्तीर्ण भी होना पड़ा है। इसलिए 2019 की प्रधानमंत्री पद की परीक्षा मोदी जी एवं भारतवर्ष जितनी सरल देख रहे हैं। उतनी सहज नहीं है । कई बार तो मोदी के लिए अमित शाह प्रश्न पत्र चुरा कर ले आते थे। पूरक आने पर परिणाम में भी हेराफेरी करवा देते हैं। लेकिन इस बार अमित शाह के लिए भी सहज नहीं है। 
🔴👉 मोदी जी गुजरात में पन्द्रह वर्ष तक अपना ही प्रश्न पत्र हल करते रहे। किसी ओर के प्रश्न पत्र को गलत करवाने में दिमाग नहीं लगाया लेकिन इस बार मोदी जी की एकमात्र गलती यह है उन्होंने दूसरा के प्रश्न पत्र को गलत करवाने भी अधिक रूचि ली। यह गलती विश्लेषकों के नज़र में नहीं आ रही है लेकिन यह जब माइनस मार्किंग प्राप्त करने वाले की समझदारी बन गई तो गुजरात की भाँति पसीना छुटा सकता है। बिहार की भाँति असफल करवा सकता है तो कर्नाटक की भाँति पूरक परीक्षा में असफल करवा सकता है। यदि किसी परीक्षार्थी ने दिल्ली की भाँति टेलेंट दिखाया तो प्रथम आ सकता है।
🔴👉 2019 में भारत का प्रधानमंत्री अवश्य करिश्माई व्यक्ति बनेगा।
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