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[श्री] आनन्द किरण "देव"
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आज विषय मिला है - "आनन्द मार्ग क्या है "। यद्यपि आज की ज्वलंत समस्या, आनन्द मार्ग कौन पर चर्चा करने की मांग करती है तथापि आनन्द मार्ग क्या है, चर्चा करना प्रासंगिक है। 'आनन्द मार्ग क्यों' पर बहुत अधिक लिखा गया है लेकिन 'आनन्द मार्ग क्या' पर कम ही समझाया गया है। यदि कई समझाया भी गया है तो आनन्द मार्ग शब्द का अर्थ एवं आनन्द मार्ग दर्शन को अथवा थोड़ा बहुत आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के बारे में जिक्र मिल जाता है। आजकल हम अधिक से अधिक समय श्री श्री आनन्दमूर्ति जी को समझाने में बिता रहे हैं, जबकि बाबा ने कहा है कि मेरा नहीं मेरे आदर्श का प्रचार करो। चलो जो भी हम 'आनन्द मार्ग क्या है' को समझते एवं दूसरों को समझाते भी है। बाबा ने प्रत्येक आनन्द मार्गी को आदेश दिया है कि 'आनन्द मार्ग क्या है?' यह दुनिया को बता दो तुम्हारा काम हो जाएगा। संभवतया हम अपने उद्देश्य से इसलिए दूर है कि हम दुनिया को 'आनन्द मार्ग क्या है' समझाने में चूक कर रहे हैं । आज हम एक कोशिश करते हैं कि 'आनन्द मार्ग क्या है' समझाने में हो रही चूक को पहचानते है।
आनन्द मार्ग एक अखंड अविभाज्य मानव समाज बनाने के लिए आया है। इसके लिए बाबा ने 'आनन्द मार्ग परिवार' को आगे किया है। बस उत्तर यही से मिल जाएगा। आनन्द मार्ग परिवार का संगठन सुदृढ़, सशक्त एवं सुव्यवस्थित बन गया तो दुनिया की समझ में आ जाएगा कि आनन्द मार्ग क्या है। इसलिए आज हम आनन्द मार्ग परिवार पर चर्चा करेंगे। आनन्द मार्ग परिवार एक ऐसा परिवार है जो सर्वजन हितार्थ सर्वजन सुखार्थ जीता है। इसमें एक का सुख सबका सुख तथा एक का दु:ख सबका दुख होता है। आनन्द मार्ग का चर्याचर्य कहता है कि तुम भोजन करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लोंगे कि तुम्हारे आसपास कोई भूखा तो नहीं है। बस एक आनन्द मार्गी इतना कर लेता है तो वह दुनिया को एहसास करवा देगा कि आनन्द मार्ग क्या है। हम एक गीत गाते है कि 'रहे न कोई भूखा नंगा ऐसा एक समाज बनेगा', हमें सिर्फ इतना करना है कि इस बात को आनन्द मार्ग परिवार में स्थापित करनी है। ऐसा होते ही दुनिया की समझ में पुरी तरह आ जाएगा कि आनन्द मार्ग क्या है।
एक आनन्द मार्गी का जीवन निजी नहीं होता है। उनका जीवन सार्वजनिक है। जो सार्वजनिक जीवन जीते हैं, वे निजी जीवन को बिगाड़ते नहीं है। वे निजी जीवन अच्छे से जीने के साथ सार्वजनिक जीवन को अच्छे से जीते हैं। आज हमारे से निजी जीवन के साथ सार्वजनिक जीवन को अच्छे जीने में चूक हो रही है इसलिए आनन्द मार्ग क्या है, यह दुनिया को बताने में चूक हो रही है।
आनन्द मार्ग परिवार बनाने के लिए चले है तो एक अखंड, अविभाज्य मानव समाज बन ही जाता है। इसलिए आज हम सबसे पहले समझ लेते हैं कि आनन्द मार्ग परिवार कैसे बनता है? आनन्द मार्ग प्रचारक संघ का काम है आनन्द मार्ग विचारधारा का प्रचार करना तथा आनन्द मार्ग परिवार का संगठन करना। आनन्द मार्ग परिवार के संगठन की सबसे छोटी इकाई आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की युनिट है। यहाँ पर सबसे पहले आनन्द मार्ग परिवार का निर्माण होता है। आनन्द मार्ग परिवार शब्द का अर्थ है कि एक युनिट में प्रत्येक मार्गी परिवार को ऐसा अपनत्व मिले कि उन्हें परिवार सा अनुभव हो। उस युनिट के एक मार्गी परिवार की सभी जिम्मेदारी उस युनिट के सयुक्त आनन्द मार्ग परिवार की हो। सभी लोग सहभागिता के आधार पर चले तथा भाईचारे का एक अदभुत नमुना प्रस्तुत करें। अर्थात एक नये आनन्द मार्गी एवं उसके परिवार को ऐसा एहसास हो कि उनकी शारीरिक अथवा भौतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक सुरक्षा मुझे पुरानी दुनिया बेहतर से बेहतर मिल रही है। जब आनन्द मार्ग युनिट के इस प्रकार के 'आनन्द मार्ग परिवार' को देखेंगे तो दुनिया के समझ में आ जाएगा कि आनन्द मार्ग क्या है तथा वे आनन्द मार्ग की आने को लालायित रहेंगे।
आनन्द मार्ग अनुयायियों का समूह बनाने नहीं आया है, आनन्द मार्ग आया है - एक आदर्श मानव समाज बनाने। जब हम आदर्श समाज बनाने ही आए हैं तो हमें सभी जगह, सभी स्तर पर ऐसा 'आनन्द मार्ग परिवार' बनाकर दिखाना होगा। यही आनन्द मार्ग क्या है नामक प्रश्न का उत्तर है। आनन्द मार्ग के आदर्श के अनुकूल आनन्द मार्ग परिवार का संगठन करना ही आनन्द मार्ग क्या है प्रश्न का सही उत्तर है।
आनन्द मार्ग आदर्श पर थोड़ी चर्चा कर हम आलेख को विराम देते हैं। आनन्द मार्ग विराट आदर्श को लेकर आया है, जिसका उद्देश्य आत्म मोक्ष एवं जगत हित है। आत्म मोक्ष की साधना के लिए एक मनुष्य का सही संगठन होना आवश्यक है ठीक उसी प्रकार जगत हित के लिए समाज संगठन सही होना आवश्यक है। इन दोनों में से किसी एक का भी संगठन सही नहीं हुआ तो आनन्द मार्ग आदर्श पर प्रश्न चिह्न लग जाता है। अतः आनन्द मार्ग का आदर्श कहता है कि मनुष्य एवं उसके समाज का आनन्द मार्ग आदर्श के अनुकूल निर्माण करना।
मनुष्य वह है जो मानव जीवन का मूल्य जाने तथा समाज वही है जो समाज शब्द को चरितार्थ करें। मनुष्य जीवन का मूल्य पूर्णत्व प्राप्त करना। इसके लिए उसे अपने जागतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक संगठन को सुव्यवस्थित करना होता है। आनन्द मार्ग के अनुसार एक मनुष्य भौतिक एवं शारीरिक दृष्टि से सुदृढ़, मानसिक दृष्टि से मजबूत एवं आध्यात्मिकता में प्रतिष्ठित है। वही सच्चे अर्थ मनुष्य जीवन जीता है। समाज के संदर्भ में सम एजति इति समाज कहा गया है। जिसका अर्थ सम सामाजिक तत्व पर आधारित व्यक्तियों का समूह जिनके आचरण एवं व्यवहार में समानता हो।
आओ मिलकर आनन्द मार्ग क्या है से दुनिया को परिचित करवाया जाएगा।
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