एक कविता
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*बाबा है, हमारे*
➡➡ श्री आनन्द किरण
_एक नीति है, हमारी।_
आनन्द नगर है, तुम्हारा,
*आनन्द मार्ग है, हमारा।।*
_एक युक्ति है, हमारी।_
तिलजला है, तुम्हारा,
*प्रउत दर्शन है, हमारा ।।*
_एक रीत है, हमारी।_
रांची पटना है, तुम्हारा,
*नव्य मानवतावाद है, हमारा।।*
_एक धारणा है, हमारी।_
30/31/01 हैं, तुम्हारे,
*आनन्द सूत्रम है, हमारे।।*
_ एक मंजिल है, हमारी_
डीएमसी का मंच है, तुम्हारा,
*सुभाषित संग्रह है, हमारा।।*
_एक मान्यता है, हमारी।_
पद-पदवी है, तुम्हारे,
*बाबा का कार्य है, हमारा।।*
_एक योजना है, हमारी।_
शीला व तंत्र पीठे है, तुम्हारी,
*साधना - समाधि है, हमारी।।*
_एक परंपरा है, हमारी।_
बाघ-अंग्रेज की कब्रें है, तुम्हारे,
*प्रभात संगीत है ,हमारे।।*
_एक वाणी है हमारी।_
इमली का वृक्ष है, तुम्हारा,
*बाबानाम केवलम कीर्तन है, हमारा।।*
_एक कहानी है, हमारी।_
केशोपुर - रामपुर है, तुम्हारे,
*अणुजीवत् के सिद्धांत है, हमारे *
_एक चाहत है, हमारी।_
जमालपुर है, तुम्हारा,
*बाबा है, हमारे हमारे*
🔴 ➡ श्री आनन्द किरण
14 दिसंबर 2017 ➡ 09:06PM➡ जालोर ( राजस्थान)
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