आदिपुरुष कौन? Who is Adipurush? (राम अथवा शिव)

       
फिल्म आदिपुरुष ने भारतवर्ष की सभ्यता, संस्कृति एवं जनमानस को हिलाकर रख दिया है। लेकिन मेरा विषय यह फिल्म नहीं है। मैं तो 'आदिपुरुष कौन' विषय को लेकर आप लोगों के बीच में आया हूँ। यह सत्य है कि परमात्मा एक है। उनका नाम व्यक्ति अपनी सुविधा, पसंद एवं मान्यता के अनुसार रख देता है। इसलिए मुझे परमात्मा को शिव व कृष्ण  में अंतर करके  देखने की अनुमति नहीं है। अत: परमतत्व के मानवीय स्वरूप को देखकर विषय को आगे बढ़ता हूँ। परम तत्व को मानवीय रूप में परमपुरुष के रूप में दिखाया गया है। परमपुरुष शब्द का अर्थ है सबसे बड़ा पुरुष अर्थात परम सत्ता। यहाँ प्रश्न उठता है कि आयु में बड़ा अथवा बुद्धि, ताकत, पद एवं धन में बड़ा। परमपुरुष  सभी दृष्टि से परम है। इसी क्रम में आयु में बड़ा दिखाने के लिए आदिपुरुष शब्द आया है। 

आदिपुरुष शब्द का अर्थ - मानव इतिहास का वह प्रथम व्यक्तित्व, जिनसे सम्पूर्ण मानव जाति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित है। यहाँ याद रखना है व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व शब्द लिया गया है‌। व्यक्ति लेने से प्रथम युद्ध इतिहासकारों एवं धार्मिक मान्यताकारों से लड़ना होता है। जिसमें 'प्राइमेट' की जीत  हो जाता है; मनु इत्यादि प्रलय के बाद के तथाकथित पहले नर हार जाते। इसलिए आदिपुरुष कौन व्यक्तित्व को लेकर आया विषय है। वैसे भी इतिहास व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व बनाते हैं। यदि धार्मिक जगत में देखे तो लोग व्यक्ति की नहीं व्यक्तित्व की पूजा करते हैं। अत: आदिपुरुष के लिए सही शब्दार्थ प्रथम व्यक्तित्व ही लेंगे। 

आदिपुरुष के रुप में कौनसे व्यक्तित्व को लिया जाए कि वह न केवल सनातन इतिहास के साथ ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव इतिहास के साथ न्याय कर सके। इसके लिए हमने हिन्दू, जैन, यहुदी, बौद्ध, पारसी, ईसाई, इस्लाम एवं सिख इत्यादि सभी मान्यताओं तथा उनके आदिपुरुष को खंगाला तथा इसके साथ में मानव इतिहास के पन्नों को भी गहराई से टटोला है। उसी परिणाम के आधार  एक नाम सामने आता है तथा बड़ी दृढ़ता के साथ वही नाम रखकर उन्हें नमन करके तथा अन्य बातों की ओर भी चलते हैं। आदिपुरुष के रूप में एक मात्र नाम सर्व मान्य है - 'भगवान शिव'। शिव से आदि में कोई व्यक्तित्व नहीं आया है कि उन्हें आदिपुरुष की उपमा दे सके। यद्यपि धार्मिक मान्यता के अनुसार परमपिता आदिपुरुष है तथा भक्त जिस नाम से भी परमपिता को पुकारे वह नाम आदिपुरुष है तथापि विश्व भक्ति शास्त्र के अकाट्य तर्क से आगे‌ यथार्थ के ज्ञान पर भी टिका होता है, इसलिए यथार्थ एवं भक्ति शास्त्र दोनों ही दृष्टि से भगवान शिव आदि व अनादि पुरुष है। कोई बुद्धि अपना चातुर्य दिखाने के क्रम में भगवान शिव को अनादि एवं अन्य आदि बता सकता है, इसलिए पहले प्रमाणित कर दिया है कि परमपुरुष भगवान शिव ही अनादि व आदिपुरुष है। 

भारतीय पुराणों में आदिपुरुष को लेकर विरोधाभास है फिर इतनी दृढ़ता से भगवान शिव नाम कैसे आ सकता है। सभी पुराणों के ज्ञान पर उठते प्रश्नों की मूल में से भी अन्ततोगत्वा आदिपुरुष के रूप में शिव को स्वीकृति मिलती है। इसलिए यह चुनौती आसनी निपट जाती है। 

सनातन परंपरा का सृष्टि विज्ञान भगवान ब्रह्मा जी को आदिपुरुष मानता है जबकि शिव अनादि पुरुष। इसमें भी ब्रह्मा के प्रकट होने के लिए विष्णु की नाभी तथा विष्णु के लिए क्षीरसागर की आवश्यकता होती है। लेकिन शिव के लिए इस प्रकार के किसी खंड आधार की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए इस पैमाने पर भी भगवान शिव ही आदिपुरुष बनकर आते हैं। 

अब रिलिजन के प्रवर्तक की ओर जाते है तो सबसे पुराने प्रवर्तक ऋषभदेव जिन्हें जैन परंपरा में आदित्यनाथ कहा गया है, वे भी शिव के समक्ष बाद के ही है। इससे पुराना ओर कोई प्रवर्तक भगवान शिव के समक्ष आदिपुरुष की प्रतियोगिता में नहीं है। हिन्दू देवी देवता ने भी भगवान शिव को महादेव कह कर आदिपुरुष स्वीकार किया है। गणपति, शक्ति, ब्रह्मा, विष्णु महेश भी शिव को आदिपुरुष स्वीकार करते हैं। 

अब इतिहास की ओर जाते है मिश्र, हडप्पा, चीन, मेसोपोटामिया, युनान, रोमन, एथेंस व स्पार्टा भी भगवान शिव के ऐतिहासिक कार्यकाल पार नहीं करते हैं। प्राचीन साहित्य में ऋग्वेद है, वह भी रुद्र के नाम शिव के सम्मान में पीछे हट जाता है, इसलिए किसी किताब को आदिपुरुष शिव से आपत्ति नहीं है। यद्यपि किताबें परमतत्व के मानवीय व अमानवीय स्वरूप को लेकर विवाद करती है तथापि शिव को ऐतिहासिक आदिपुरुष मानने में यह भी‌टिक नहीं सकती है। 

आदिपुरुष कौन के प्रश्न उत्तर के अंतिम क्रम में राम एवं शिव को तराजू के दोनों पलड़ों में बैठाकर इंसाफ की देवी से न्याय कराया जाए तो अन्ततोगत्वा शिव का पलड़ा आदिपुरुष के लिए भारी पड़ता है। ऐसा कहकर राम को छोटा करके नहीं दिखाया जा रहा है लेकिन पृथ्वी के सभी विषय न्याय के लिए प्रमाण के लिए आए तो श्रीराम भगवान शिव को नमन करते हैं। 

आदिपुरुष शिव है, फिल्मकार को विचार करके नाम बदलने पर भी विचार करना चाहिए। 
         आदिपुरुष को नमन
--------------------------------
  श्री आनन्द किरण "देव"
--------------------------------
Previous Post
Next Post

post written by:-

0 Comments: