आनन्द कण
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07/03/2021 - 06:34AM
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"धर्मयुद्ध रिलिजस के मध्य द्वंध नहीं हैं। यह सत्य असत्य, न्याय अन्याय, अच्छाई बुराई व नैतिकता अनैतिकता के बीच चलने वाला अविराम संघर्ष हैं। यह अटल एवं ध्रुव सत्य है कि धर्मयुद्ध में अंततोगत्वा धर्म की विजय होती है। इसके बाद समाज में धर्म की संस्थापना होती है। यह अवस्था मनुष्य तथा उसके समाज के लिए कल्याणकारी है। इसलिए इसे आनन्ददायी अवस्था कहा गया है। प्रत्येक मनुष्य एवं प्रत्येक विचारधारा इसकी चाहत रखते हैं। इसलिए आनन्द मार्ग आया है - आनन्द युग, आनन्द विश्व की स्थापना करने के लिए। आओ हमसब मिलकर आनन्द मार्ग दर्शन के साथ आनन्द मार्ग पर चलते हैं।"
- श्री आनन्द किरण
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भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2080 की शुभकामनाएं दिनांक 22 मार्च 2023 जयपुर
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*आनन्द कण*
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नव परिवर्तन में नव चेतना का संचार करें, सभी प्रकार की रूढ़ मान्यताएँ नूतन भावधारा में प्रवाहित हो तथा उसमें से सबके कल्याण की सोच निकले, उसी अपने घट में स्थापित कर अपने को आत्म मोक्ष जगत हित के पथ पर ले चलो, जिससे हमारा जीवन आनन्द से भर जाए। परमपुरुष ने इस पथ को मनुष्य का आनन्द मार्ग बताया है। मनुष्य मात्र ही आनन्द मार्गी है, आनन्द मार्ग ही मनुष्य तथा उसके समाज का कल्याण पथ है। आओ नूतन वर्ष विक्रम संवत 2080 की शुभवेला पर शपथ ले की हमारा प्रत्येक कर्म सर्वजन हितार्थ सर्वजन सुखार्थ हो, हमारी बुद्धि नव्य मानवतावाद में समाहित हो, हमारा मन गाये सर्वे भवन्तु सुखिनः...... तथा हमारी आत्मा परमात्मा में रुपांतरित हो।
ॐ मधु ॐ मधु ॐ मधु
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श्री आनन्द किरण "देव"
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30/03/2023
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आनन्द कण
"घना अंधेरा कभी भी प्रकाश की किरण को कभी रोक नहीं पाया, दु:ख की चरमावस्था भी आनन्द की किरण को रोक नहींं पाता है। इसलिए आनन्द मार्ग पर चलों, जीवन को सार्थक करो"
-श्री आनन्द किरण "देव"
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22 सितम्बर 2024
प्रात: 06:46
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आनन्द कण
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"जब जीवन आदर्श को समर्पित कर ही दिया है तो निर्भय होकर विचरण करो। आदर्श पर चलने वालों की रक्षा इष्ट करते हैं। ऐसा आध्यात्मिक विधान है। वे सदैव अपने विधान की रक्षा करते हैं। आदर्श विमुख सत्ता के समक्ष कभी भी नतमस्तक मत हो, क्योंकि ऐसा करना इष्ट का अपमान है। आओ मिलकर इष्ट एवं आदर्श का सम्मान करते हैं - बाबानाम केवलम में प्रतिष्ठित होते हैं।"
-[श्री] आनन्द किरण 'देव'
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