जय राजस्थान.........
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आजादी सु पहला इ धरा पर 19 रियासत अर तीन रावलों रो शासन हो, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी अर वी.पी.एल. मेनल रा प्रयास सु इ मतीरा भाड़ा ने बड़ी मुश्किल सु एकता रा सुत्र में बांधियों
30 मार्च 1949 रे दिन सिरोही रियासत ने छोड़ ने लगभग सारा राजस्थान एक हो गियो अर जयपुर इण री राजधानी राखी, इण ऐवज़ मा जोधपुर ने हाईकोर्ट, उदयपुर ने लोक कला केन्द्र, बीकानेर ने शिक्षा विभाग रो कार्यालय अर अजमेर ने राजस्व मंडल दियो । उण टेम रा जयपुर महाराज राज प्रमुख अर उदयपुर महाराणा महाराज प्रमुख बणाया गिया। पछि १जून १९५६ मा ए पद हटा ने सरदार गुरुमुख निहाल सिंह जी ने राज्यपाल बनवाया। इण दिन माउंट आबू व अजमेर राजस्थान में मिलायो गिया, सिरोही राजस्थान मा २६ जनवरी १९५० मा मिलाया गया।
इ राजस्थान मा अनेक बोलियाँ बोली जावे छे पर माटा रुप सु पांच बोलियाँ जाको भाषा रो रुप दियो जा सके.
१. मारवाड़ी भाषा - जोधपुर, बीकानेर, अजमेर(भीलवाड़ा ने छोड़ी ने) , जयपुर ( अलवर ने छोड़ी ने) संभाग अर भरतपुर संभाग रा सवाईमाधोपुर अर करौली जिलों री भाषा ने मारवाड़ी केवे छे.....
२. मेवाड़ी भाषा - उदयपुर संभाग अर भीलवाड़ा जिला..
३. हाड़ौती भाषा - कोटा संभाग
४. बृजभाषा - भरतपुर धौलपुर जिला
५. हरियाणवी भाषा - अलवर जिला
प्राचीन राजस्थान रो इतिहास कैवे छे कि राजस्थान मा मेर, मेव अर हाड़ा प्रजातियों रो क्षैत्र हो। मेर सु मेरवाड़-मारवाड़, मेव सु मेवाड़ अर हाड़ा सु हाड़ौती क्षेत्र केलवाया।*
अण रे पछि राजस्थान मा अलग-अलग ब्राह्मण वंश रा गणराज्य हा।
मध्यकाल मा राजस्थान री धरती राजपुताना रा नाम सु जाणी जावण लागी ।
भारत री आजादी रे पछि इको नाम राजस्थान राखियो.....
भौगोलिक दृष्टि सु राजस्थान री धरती तीन भागा मा बाटी जा सके...
१. पहाडी़ क्षेत्र -उदयपुर संभाग अर भीलवाड़ा जिलों मुख्य ..
२. पठारी क्षेत्र - कोटा संभाग.....
३. मैदानी क्षेत्र - थार रो रेगिस्तान अर पूर्व रो मैदान.
पधारो म्हारे देश
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श्री आनन्द किरण
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