प्रउत के लिए हम काम कैसे करें
सभी के मन मे एक प्रश्न रहता है कि प्रउत के लिए हम काम कैसे करें। जब तक कुछ तक कार्य नहीं दिखाई देता है। यह प्रश्न बार-बार होता है। इसलिए आज हम प्रउत पर कार्य कैसे करें पर चर्चा करते है। प्रउत को जन-जन में प्रिय बनाने का जिम्मा बाबा ने प्राउटिस्ट यूनिवर्सल के कंधों पर डाला है। 5 जून 1959 ईस्वी में बाबा द्वारा प्रउत को लाने के बाद सर्व प्रथम प्रउत को लेकर प्राउटिस्ट स्टुडेंट्स फेडरेशन का गठन किया तत्पश्चात प्राउटिस्ट फारुम अॉफ इंडिया का गठन किया। जिसे कालांतर में प्राउटिस्ट यूनिवर्सल नामांतर में बदल दिया तथा प्राउटिस्ट स्टुडेंट्स फेडरेशन को यूनिवर्सल प्राउटिस्ट स्टुडेंट्स फेडरेशन के नाम पर प्राउटिस्ट यूनिवर्सल का अंग बना दिया। बाबा की प्रेरणा से ही प्राउटिस्ट ब्लॉक आॅफ इंडिया नामक राजनैतिक पार्टी का भी गठन किया गया था। अन्तोगत्वा प्रउत को लोकप्रिय बनाने का जिम्मा प्राउटिस्ट यूनिवर्सल के कंधों पर है। यह पांच फेडरेशन एवं समाज आंदोलन के माध्यम से कार्य करता है।
👉 प्रउत पर कार्य करने का एक माध्यम प्राउटिस्ट यूनिवर्सल के किसी एक अंग का सदस्य बन कर प्राप्त दायित्व का श्रद्धा एवं लग्न से निवहन करना।
👉 एक अन्य रास्ता भी है। प्राउटिस्ट यूनिवर्सल के भुक्ति प्रधान को आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की भुक्ति का एक अंग माना गया है। उनके साथ मिलकर रचनात्मक कार्यों को भी मूर्त रुप दिया जा सकता है। उदाहरण एक ब्लॉक की प्रखंड स्तरीय योजना का निर्माण कर स्थानीय जन, स्थानीय सरकारी एवं गैर सरकारी एजेंसी का सहयोग लेकर ब्लॉक का प्रउत आधारित माॅडल तैयार कर किया जा सकता है।
👉 इसके अतिरिक्त छोटे-छोटे प्रयास के तहत सहकारी उद्योग, सहकारी कृषि, सहकारी समिति एवं सहकारी बैंक स्थापित कर प्रउत को जन प्रिय बनाने के कार्य किये जा सकते है। इस कार्यों एक विशेष बात का ध्यान रखना होगा कि प्रउत की कोई भी संस्थान व्यक्तिगत महत्वकांक्षा की शिकार न हो। आध्यात्मिक नैतिकवान व्यक्तियों के सहयोग से इस कार्य करना फलदायी हो सकता है।
👉 आनन्द मार्ग के रचनात्मक कार्यक्रम का एक अंग मास्टर युनिट निर्माण करना भी है। इन युनिट को प्रउत व्यवस्था के माध्यम से संचालित कर जन-जन में प्रउत व्यवस्था का सकारात्मक रूप दिखाया जा सकता है।
👉 प्रउत पर कार्य करने के लिए व्यक्तिगत रूप प्रउत अध्ययन केन्द्रों की स्थापना कर विद्यार्थियों के एक दल को प्रउत शोध कार्य में लगाया जा सकता है। और भी अधिक प्रयास कर प्रउत को यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम का एक अंग बनाकर इस सिद्धांत को सभी के सुलभ एवं सुविधा जनक बानाया जा सकता है। इसके माध्यम से युवाओं का एक दल तैयार होगा जो एक वैचारिक क्रांति को प्रज्वलित करेंगे। जिसकी ताकत से एक राजनैतिक आर्थिक परिवर्तन आएगा। वह प्रउत को वैश्विक पटल पर स्थापित करने में सहायक होगा।
👉 अत्यधिक व्यक्तिगत प्रयास के तहत पत्र पत्रिका, टी.वी. आकाशवाणी, नुक्कड़ सभा, काॅलेज, यूनिवर्सिटी, बार काउंसिल आदि स्थानों पर प्रउत आधारित डिबेट आयोजित कर कार्य किया जा सकता है।
👉 ओर भी व्यक्तिगत प्रयास में पत्र, पत्रिका में लेख लिखकर जन-मन का जागरण कर प्रउत की चेतना जगाई जा सकती है। विभिन्न स्थानों पर प्रउत को लेकर तत्व सभाओं का आयोजन कर प्रउत को जनप्रिय बनाया जा सकता है।
👉 ओर भी सूक्ष्म प्रयास में विभिन्न स्थानों पर टेबल टाक के माध्यम से प्रउत के आदर्श से जन-मन सिंचा जा सकता है।
👉 एक प्रयास यह भी हो सकता है कि हम सोसियल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग ईवेंट में प्रउत के संदेश बनाकर जन-जन तक पहुँचाकर भी कार्य किया जा सकता है।
👉 सबसे शक्तिशाली प्रयास प्रउत आधारित जन आंदोलन तैयार करना है।
👉 यह करना भी गलत नहीं है यदि इससे सत प्रयास से किया जाए तो अपने व्यक्तित्व को सेवामय बनाकर लोकतांत्रिक परंपरा के माध्यम से जनप्रतिनिधि बन कर प्रउत के आदर्श को विधान पटल पर रखना एवं जन सेवा के माध्यम से अपने विचारों को लोकप्रिय बनाकर एक दल का आदर्शमय बनाना। यद्यपि लोकतंत्र अच्छे व्यक्तियों के परिवेश नहीं है तथापि परोपकार की ताकत सभी बुरी ताकतों पर भारी है। अत: यह करना भी गलत नहीं है।
👉 अन्तिम एक अच्छा प्रयास विभिन्न ब्लॉक एवं समाज इकाइयों की योजना तैयार करना ताकि आने वाली पीढ़ी के आप मददगार सिद्ध हो सके।
👉 प्रउत के कार्यक्रम में तन, मन धन से सहयोग कर भी प्रउत के खातिर कुछ किया जा सकता है।
👉 प्रउत आधारित रैली, नारा लगाकर व वाॅल पेन्टिंगकर भी प्रउत के लिए काम कर सकते हैं।
👉 प्रउत पर आधारित अपने व्यक्तिगत कार्यक्रम अनुशासन में रहकर किए जा सकते है।
निवेदक
- श्री आनन्द किरण
9982322405
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