आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं। 
नये समाज का निर्माण करते हैं।। 

रोजीरोटी के खातीर किसी को छोड़नी न पड़े, अपनी जन्मभूमि, 
ऐसी व्यवस्था का सर्जन करते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

शिक्षा एवं चिकित्सा जहाँ बिकती है, उस व्यवस्था को परिवर्तित करते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

किसान व मजदूरों को उनकी मेहनत का हक दिलाते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

छात्र व युवा को शतप्रतिशत रोजगार की गारंटी देते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

आयकर एक गंदा मज़ाक है, सबको आयकर से मुक्ति दिलाते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

आध्यात्मिक नैतिकवान समाज बनाते हैं। 
आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।। 

आओ मिलकर समाज आंदोलन करते हैं।
नये समाज का निर्माण करते हैं।।
बाबा है, हमारे
एक कविता
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*बाबा है, हमारे*
           ➡➡ श्री आनन्द किरण
_एक नीति है, हमारी।_
आनन्द नगर है, तुम्हारा,
*आनन्द मार्ग है, हमारा।।*
_एक युक्ति है, हमारी।_
तिलजला है, तुम्हारा,
*प्रउत दर्शन है, हमारा ।।*
_एक रीत है, हमारी।_
रांची पटना है, तुम्हारा,
*नव्य मानवतावाद है,  हमारा।।*
_एक धारणा है, हमारी।_
30/31/01 हैं, तुम्हारे,
*आनन्द सूत्रम है, हमारे।।*
_ एक मंजिल है, हमारी_
डीएमसी का मंच है, तुम्हारा,
*सुभाषित संग्रह है, हमारा।।*
_एक मान्यता है, हमारी।_
पद-पदवी है, तुम्हारे,
*बाबा का कार्य है, हमारा।।*
_एक योजना है, हमारी।_
शीला व तंत्र पीठे है, तुम्हारी,
*साधना - समाधि है, हमारी।।*
_एक परंपरा है, हमारी।_
बाघ-अंग्रेज की कब्रें है, तुम्हारे,
*प्रभात संगीत  है ,हमारे।।*
_एक वाणी है हमारी।_
इमली का वृक्ष है, तुम्हारा,
*बाबानाम केवलम कीर्तन है, हमारा।।*
_एक कहानी है, हमारी।_
केशोपुर - रामपुर है, तुम्हारे,
*अणुजीवत् के सिद्धांत है, हमारे *
_एक चाहत है, हमारी।_
जमालपुर है, तुम्हारा,
*बाबा है, हमारे हमारे*
🔴  ➡  श्री आनन्द किरण 
14 दिसंबर 2017 ➡ 09:06PM➡ जालोर ( राजस्थान)