योग अर आनंद मार्ग
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`[श्री] आनंद किरण "देव"`
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आनंद मार्ग जीव आत्मा अर परम आत्मा रै एकीकरण नै योग रै रूप में परिभाषित करै है। महा मिलन री इण प्रक्रिया नै प्रारंभिक योग, साधारण योग, सहज योग अर विशेष योग रै रूप में रेखांकित करीजी है। आज आपां आनन्द रै मारग साथै योग री जातरा माथै रवाना होस्यां।
(१) प्रारंभिक योग – साधना रै मार्ग माथै यात्रा रो पैलो रूप प्रारंभिक योग कैवै है। इण मांय खावण जोग अर अखावण जोग नीं मानीजै। जद आचार्य नै आ बात समझ में आवै है कै उणरो दीक्षित भाई आसन आद सरल प्रक्रियावां करण में असमर्थ है, तो वो उणनै प्रारंभिक योग सिखावै है। ताकि उणरी शारीरिक या मानसिक विकलांगता रै कारण उणरी आध्यात्मिक यात्रा में कोई नुकसान नीं हुवै। प्रारंभिक योग रै मांय आम तौर सूं नाम मंत्र, गुरु वंदना, प्रभात संगीत, कीर्तन अर साष्टांग शामिल है। आध्यात्मिक भाषा गुरु दर्शन अर गुरु प्रणाम भी प्रारंभिक योग रो एक हिस्सो है।
(२) साधारण योग - आध्यात्मिक यात्रा रै वास्तै जरूरी सरल प्रक्रिया नै साधारण योग कैवै है। यम-नियम, ईश्वर प्राणिधान, मधु विद्या, तत्व धारना, चक्र शोधन अर ध्यान साधारण योग रा अंग है। फगत इण मांय कोई आसन अर प्राणायाम कोनी है। जद आचार्य नै आ बात समझ में आवै है कै उणरो दीक्षित भाई आसन प्राणायाम, सहज योग री प्रक्रिया करण में सक्षम कोनी है, तो वे उणरी आध्यात्मिक यात्रा नै नीं रोकै है अर उणनै तीजै पाठ में भी ले जावै है। साधारण योग रै मांय ध्यान आधारित आसन जियां कै पदमासन, सिद्धासन, वीरासन, वज्रासन आद करिया जा सकै है।
(३) सहज योग – आसन अर साधारण प्राणायाम करण आळा नै सहायक कैवै है। जद आचार्य नै लागै कै साधक शारीरिक रूप सूं मजबूत अर मानसिक रूप सूं उन्नत है तो वो सहज योग री दीक्षा देवै है। इण मांय खाद्य पदार्थां माथै विचार करियो जावै है। वे तत्विक अर आचार्य री शिक्षा ले सकै है।
(४) विशेष योग - पुरोधा, आचार्य सूं सहज योग री शिक्षा प्राप्त साधक नै विषेष योग में शिक्षा दिरावै है। विशेष योग में प्रशिक्षित व्यक्ति पुरोधा री शिक्षा प्राप्त कर सकै है। इण मांय आसन, प्राणायाम अर योग री विशेष शिक्षा दी जावै है।
प्राथमिक योग प्राप्त कर चुक्या मिनख मोक्ष मुक्ति भी प्राप्त कर सकै है। इण कारण शारीरिक अर मानसिक कारणां सूं मिनख उच्च अर उच्च योग शिक्षा प्राप्त नीं कर सकै। बांनै दुखी होबा री जरूरत कोनी है। शारीरिक अर मानसिक रूप सूं साधारण अर सहज योग सीखण में सक्षम लोग आलस, गैर जिम्मेदारी या किणी दूजा कारण सूं योग री उच्च प्रक्रिया नीं सीखै। वो खुद रै साथै अन्याय करै है अर जाणबूझर आपरी आध्यात्मिक यात्रा नै लांबी कर देवै है। यो योग मिनख रै जैव-धर्म रो दोषी है। मिनख पूर्णता प्राप्त करणो चावै है पण बो खुद नै पूर्णता सूं जाणबूझ’र दूर कर लेवै है। जिका लोगां रै कनै पर्याप्त बगत है अर वै पारिवारिक अर सांसारिक जिम्मेदारी रै साथै-साथै आध्यात्मिक जिम्मेदारी नै भी संभाळ सकै है, बांनै विशेष योग शिक्षा री जरूर लैवणी चावै। इणनै करबा सूं, यो किणी रै लक्ष्य नै जल्दी हासिल करण में मदद करै है अर इणरै माध्यम सूं कोई भी समाज री सेवा नै और ज्यादा आसानी, सहजता अर सूक्ष्मता सूं कर सकै है।
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