*मणिपुर राजनैतिक इकाई*
*1. परिचय* - मणिपुर भारत का एक पूर्वोत्तर राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं - उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम, और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है।
*2. नामकरण* - मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है।
*3. अनोखी विशेषताएं* -
१. मणिपुर को देश की 'ऑर्किड बास्केट' भी कहा जाता है। यहाँ ऑर्किड पुष्प की 500 प्रजातियां पाई जाती हैं।
२. विशेष प्रकार का पुष्प शिरोइ लिली पाया जाता है। शिरोइ लिली का यह फूल पूरे विश्व में केवल मणिपुर में ही पैदा होता है। इस अनोखे और दुर्लभ पुष्प की खोज फ्रैंक किंग्डम वॉर्ड नामक एक अंग्रेज ने 1946 में की थी। यह खास लिली केवल मानसून के महीने में पैदा होता है। इसकी विशेषता यह है कि इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमे सात रंग दिखाई देते हैं।
३. यहाँ तीन प्रमुख जनजातियाँ निवास करती हैं। घाटी में मीतई जनजाति और बिष्णुप्रिया मणिपुरी रहती है तो नागा और कूकी-चिन जनजातियाँ पहाड़ियों पर रहती हैं।
*4. मणिपुर का भूगोल* - मणिपुर की भौगोलिक स्थिति दर्शनीय है। उत्तरी तथा पूर्वी इलाकों में ऊँची पहाडियाँ है और मध्य भाग में मैदानी समतल है। यहाँ हर पहाड़ के बीच में कोई न कोई नदी बहती हैं। इम्फाल नदी यहाँ की प्रमुख नदी है। कृषि व कृषि आधारित उद्योग अर्थव्यवस्था का आधार हैं।
*5. इतिहास के पन्नों में मणिपुर* - इसका प्राचीन नाम कंलैपाक् है। प्राचीन काल में पड़ोसी राज्यों द्वारा मणिपुर को विभिन्न नामों से पुकारा जाता था, जैसे बर्मियों द्वारा 'कथे', असमियों द्वारा 'मोगली', 'मिक्ली' आदि। इतिहास से यह भी पता चलता है कि मणिपुर को मैत्रबाक, कंलैपुं या पोंथोक्लम आदि नामों से भी जाना जाता था। यहां के राजवंशों का लिखित इतिहास सन 33 ई. में पाखंगबा के राज्याभिषेक के साथ शुरू होता है। मणिपुर की स्वतंत्रता और संप्रभुता 19वीं सदी के आरम्भ तक बनी रही। उसके बाद सात वर्ष (1819 से 1825 तक) बर्मी लोगों ने यहां पर कब्जा करके शासन किया। 24 अप्रैल, 1891 के खोंगजोम युद्ध (अंग्रेज-मणिपुरी युद्ध ) हुआ जिसमें मणिपुर के वीर सेनानी पाओना ब्रजवासी ने अंग्रेजों के हाथों से अपने मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। इस प्रकार 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया और 1947 में शेष देश के साथ स्वतंत्र हुआ।
*6. राजनीति के गर्भ से* - 1947 में जब अंग्रेजों ने मणिपुर छोड़ा तब से मणिपुर का शासन महाराज बोधचन्द्र के कन्धों पर पड़ा। 21 सितम्बर 1949 को हुई विलय संधि के बाद 15 अक्टूबर 1949 से मणिपुर भारत का अंग बना। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने पर यह एक मुख्य आयुक्त के अधीन भारतीय संघ में भाग ‘सी’ के राज्य के रूप में शामिल हुआ। बाद में इसके स्थान पर एक प्रादेशिक परिषद गठित की गई जिसमें 30 चयनित तथा दो मनोनीत सदस्य थे। इसके बाद 1962 में केंद्रशासित प्रदेश अधिनियम के अंतर्गत 30 चयनित तथा तीन मनोनीत सदस्यों की एक विधानसभा स्थापित की गई। 19 दिसंबर, 1969 से प्रशासक का दर्जा मुख्य आयुक्त से बढ़ाकर उपराज्यपाल कर दिया गया। 21 जनवरी, 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और 60 निर्वाचित सदस्यों वाली विधानसभा गठित की गई। राज्य में लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक प्रतिनिधि है।
*7. मणिपुर की राजनीति* - 1963 से विधानसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा मणिपुर की क्षेत्रीय पार्टी के बीच टक्कर की राजनीति रही है, इस द्वंद में कभी कांग्रेस तो कभी क्षेत्रीय राजनीति हावी रही है। वर्तमान में भाजपा एक विकल्प के रुप में उभरी है।
*समाज आंदोलन के परिपेक्ष्य में* -
मणिपुर में मात्र एक जिले में समाज आंदोलन दिखाई दे रहा है। *जिरिबाम भुक्ति* आमरा बंगाली का अंग है। शेष 15 भुक्तियां राजनैतिक आर्थिक आंदोलन के माध्यम से बंगाली समाज में समाविष्ट होगी ।
मणिपुर की प्रशासनिक व्यवस्था
*1. उखरुल भुक्ति* - उखरूल जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *उखरूल* है। उखरूल जिले में उखरूल जिले में 4 उप मंडल है जिनके उखरूल, लुंगचोंग-माईफाई, चिंगई, जेसामी है और 8 कसबे यानि की ब्लॉक है।
*राजनैतिक स्वरुप* - उखरूल जिले में 2 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, इन विधान सभा क्षेत्रो के नाम चिनगी, उखरुल है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*2. सेनापति भुक्ति* - सेनापति जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *सेनापति* है। सेनापति जिले में सेनापति जिले में 6 उप मंडल है जिनके नाम माओ-मरम, पुरुल, पाओमाता, कंगपोकी, सैकुल, सैटु गेम्पाज़ोल है और 14 कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम माओ मारम, सोनंग, पाओमाता, पुरुल, विलंग, फाइबूंग, कंगपोकी, सैकुल, सैटू गेम्पाज़ोल, चैम्फी, टी वाइचोंग, कंचुप गेलजांग, बंगटे चिरू, द्वीप है।
*राजनैतिक स्वरुप* - सेनापति जिले में 3 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, इन विधान सभा क्षेत्रो के नाम करोंग, माओ, तदुबि, है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*3. तमेंगलॉन्ग भुक्ति* - तमेंगलोंग जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *तमेंगलोंग* है। तमेंगलोंग जिले में तमेंगलोंग जिले में 5 उप मंडल है जिनके नाम तमेंगलोंग, तामैं, तोउसेम, खोपम है और 1 कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम तमेंगलोंग, तामैं, तोउसेम, खोपम है।
*राजनैतिक स्वरुप* - तमेंगलोंग जिले में 2 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, तमेंगलोंग, तामैं, व और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*4. कम्जोंग भुक्ति* - कमजोंग जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *कमजोंग* है। कमजोंग जिले में कमजोंग जिले में चार उप मंडल है जिनके नाम कमजोंग, सहामफुंग, कसोम खुल्लेन, फुन्गयार है और कुछ कसबे यानि की ब्लॉक है
*राजनैतिक स्वरुप* - कमजोंग जिले में 1 विधानसभा क्षेत्र है, फुन्गयार और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*5. कांगपोकपि भुक्ति* - कांगपोकपि जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *कांगपोकपि* है। कांगपोकपि जिले में कांगपोकपि जिले में 9 उप मंडल है - कांगपोकपि , सेतु-गामफाज़ोल, चम्फाई, कंचप गेलजांग, सेकुल, लहंगतिन , बंगटे चिरू, द्वीप व तुजांग वाइचोंग है।
*राजनैतिक स्वरुप* - कांगपोकपि जिले में 3 विधानसभा क्षेत्र है, कांगपोकपि , सेतु व सेकुल और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*6. इम्फाल पश्चिम भुक्ति* - इम्फाल वेस्ट जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *लाम्फेलपात* है। इम्फाल वेस्ट जिले में इम्फाल वेस्ट जिले में 4 उप मंडल है जिनके लाम्फेल, लमसँग, वानगोई, पाटसोइ है और 11 कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम लाम्फेल, लमसँग, वानगोई, पाटसोइ, सेकमे, सलाम, हियांगथांग, मयांग इम्फाल, लीलॉन्ग चेजिंग, कोंथौजम है।
*राजनैतिक स्वरुप* - इम्फाल वेस्ट जिले में 13 विधानसभा क्षेत्र है, इन क्षेत्रो के केईशमथोंग, कोन्थॉजम, लामसांग, लैंगिबैबल, मेआंग इम्फाल, नोरीया पखनगालाका, पैटॉओआई, सगोविबंद, सेक्मी, सिंघजामी, तेंग्मेइबंद, उरिपोक व वानजीआई है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*7. इम्फाल पूर्व भुक्ति* - इंफाल ईस्ट जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *पोरोमपंत* है। इंफाल ईस्ट जिले में इंफाल ईस्ट जिले में 3 उप मंडल है जिनके नाम पोरोम्पट, सवम्बुंग, कैरो बितरा और सात कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम पोरोम्पट, सवम्बुंग, कैरो बितरा, हेंगांग, बाशिखोंग, सगोलमाङ्ग, तुलिहल है।
*राजनैतिक स्वरुप* - इंफाल ईस्ट जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, इन विधान सभा क्षेत्रो के नाम एंड्रू, हेइंगंग, , केआईआरएओ, ख़ुंदरापाम, ख़रीह, क्षेत्रीगाओ, लामली, थानज्यू, वांग्खा व यैस्कुल) है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*8. बिष्णुपुर भुक्ति* - बिष्णुपुर जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *बिष्णुपुर* है, जिले में 7 उपमंडल है 2 कस्बे है। बिष्णुपुर जिले में बिष्णुपुर जिले में 3 उप मंडल है इनके नाम निम्बोल, बिष्णुपुर, मोइरांग है और 7 कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम ओइनम (एनएसी), नांबोल, निंगथौखोंग, बिश्नुपुर, कुंबी (एनएसी), मोइरंग (एमसी), क्व्व्टा (एनएसी) {एनएसी = अधिसूचित क्षेत्र परिषद और एमसी = नगरपालिका समिति} है ।
*राजनैतिक स्वरुप* - बिष्णुपुर जिले में 6 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, निम्बोल, बिष्णुपुर, ओइनम, मोइरंग, कुंबी व थांगा जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*9. थौबल भुक्ति* - थौबल जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *थौबल* है। थौबल जिले में थौबल जिले में 2 उप मंडल है जिनके थौबल, लीलॉन्ग है और 8 कसबे यानि की ब्लॉक है और इनके नाम थौबल, कक्किंग, लिलोंग, वांगजिंग, यैरीपोक, वाइखोंग, हियांग्लम और सुगुनू है।
*राजनैतिक स्वरुप* - थौबल जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, इन विधान सभा क्षेत्रो के नाम लीलोंग, थौबल, वांग्खेम, हेरोक, वांगजिंग-तेंथा, खांगबोक, वाबागई, कक्किंग, हियांग्लम और सुगुनु है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*10. टेंगनूपाल भुक्ति* - टेंगनूपाल जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *टेंगनूपाल* है। टेंगनूपाल जिले में टेंगनूपाल जिले में तीन उप मंडल है जिनके नाम टेंगनूपाल, मोरेह और माची है और कुछ कसबे यानि की ब्लॉक है।
*राजनैतिक स्वरुप* - टेंगनूपाल जिले में 1 विधानसभा क्षेत्र टेंगनूपाल और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*11. ककचिंग भुक्ति* - कक्किंग जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *कक्किंग* है। कक्किंग जिले में कक्किंग जिले में 2 उप मंडल है जिनके कक्किंग, वाइखोंग है और कुछ कसबे यानि की ब्लॉक है।
*राजनैतिक स्वरुप* - कक्किंग जिले में 2 विधानसभा क्षेत्र है, इन क्षेत्रो के हियांगलं व कक्चिंग है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*12. चन्डेल भुक्ति* - चंदेल जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *चंदेल* है, जिले में 3 उपमंडल है कुछ कस्बे है, और 1 विधान सभा क्षेत्र है, और 1 लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
*राजनैतिक स्वरुप* - जिले में 1 विधानसभा क्षेत्र चंदेल है,जो बाह्य मणिपुर क्षेत्र में है।
*13. चुराचांदपुर जिला* - चुराचांदपुर जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *चुराचांदपुर* है, जिले में कुछ उपमंडल है कुछ कस्बे है, और 6 विधान सभा क्षेत्र है, और 1 लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
*राजनैतिक स्वरुप* - चुराचांदपुर जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र है जहा पर विधायक या विधान सभा के सदस्य होते है, इन विधान सभा क्षेत्रो के नाम चुराचांदपुर, हेन्लिंग, साइकत, सिंघट , टीपाइमुक है 1 लोकसभा क्षेत्र जिसका नाम आंतरिक मणिपुर है।
*14. फेरज़ौल भुक्ति* - फेरजॉल जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *फेरजॉल* है। फेरजॉल जिले में फेरजॉल जिले में चार उप मंडल है जिनके नाम फेरजॉल, परबुंग,थानलों और वंगाई रांगे है और कुछ कसबे यानि की ब्लॉक है।
*राजनैतिक स्वरुप* - फेरजॉल जिले में 1 विधानसभा क्षेत्र थानलों है, और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*15. नोन भुक्ति* - नोनी जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *लोंगमई* है। नोनी जिले में नोनी जिले में चार उप मंडल है जिनके नाम लोंगमई, नुन्ग्बा, खोपुम और होचोन्ग है और कुछ कसबे यानि की ब्लॉक है
*राजनैतिक स्वरुप* - नोनी जिले में 1 विधानसभा क्षेत्र नुन्ग्बा है, और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
*16. जिरिबाम भुक्ति* - जिरीबाम जो की मणिपुर के जिलों में एक जिला है, इसका मुख्यालय *जिरीबाम* है।
*राजनैतिक स्वरुप* - जिरीबाम जिले में 2 विधानसभा क्षेत्र जिरीबाम है, इन क्षेत्रो के नाम किसी प्रामाणिक श्रोत से नहीं प्राप्त हुए है और 1 लोक सभा सभा क्षेत्र है जिसका नाम बाह्य मणिपुर है।
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