तुलु समाज

     हमारा तुलु समाज
प्रउ  त प्रणेता के समाज इकाइयों की संऋक्रषचना मेंऋ् कर्नाटक के उड्डपी व द'.ल जो  घश्रछथ था.ऋण कन्नड़ जिला मि.्ल
कर तुलु भाषी क्षेत्र है। अत: यह तुलु समाज कहलाता है। 
 .ऋश्रीणचयय छड य

*तुलू
् ज्ञान.श्रश्र  (Tulu) भाषा* - एक द्रविड़ भाषा है, जिसे बोलने-समझने वाले लोग मुख्यतया कर्नाटक के दो जिले है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, तुलू भाषी (तुलू भाषा बोलने वाले) स्थानीय लोगों की संख्या लगभग 18,46,427 थी। श्रऋृ छ  
लू भाषा वर्तमान में दक्षिण भारत णढमीत च के तुलूनाडू क्षेत्र तक ही सीमित है।

 *तुलूनाडू:* - दक्षिण भारत के कर्नाटक व 
केरल राज्यों के तुलू बाहुल्य क्षेत्र को तुलूनाडू नाम से भी जाना जाता है। क हखबूर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ और उडूपी ज़िले तथा केरल के कासरागोड ज़िले का पयास्वनी या चंद्रगिरि नदी तक का उत्तरी भाग इस क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मंगलुरु, उडूपी और कासरागोड शहर तुलू सभ्यता के प्रमुख केंद्र हैं।


1. *दक्षिण कन्नड़ भुक्ति* - जिले का मुख्यालय मंगलौर में है। जिले में बन्त्वाल, बेल्तांगढी, मंगलौर, मुदबिद्री, कदाब, पुत्तूर व सुलिया नामक 7 तहसीलें है। 
*दक्षिण कन्नड़ जिले का इतिहास*

दक्षिण कन्नड़ का इतिहास, १८६० से पहले दक्षिण कन्नड़ जिस जिले का भाग था उसे कनारा जिला कहते है, और ये एकमात्र जिला था मद्रास रियासत का, १८६० में अंग्रेजो ने इस जिले को दो भागो में बाँट दिया जो की उत्तर कनारा और दक्षिण कनारा जिले बन गए, ये जिले पहले मंदरस प्रेसीडेंसी में थे परन्तु कुछ समय बाद बॉम्बे प्रेसीडेंसी में आ गे थे, इसी प्रकार इ कुन्दपुर तहसील पहले उत्तर कनारा में था जो की बाद में दक्षिण कनारा में आ गया था, जब १९५६ में राज्य का पुनर्गठन हुआ तो दक्षिण कन्नड़ मैसूर राज्य में चला गया वही वर्तमान का कर्नाटक राज्य है, १५ अगस्त १९९७ को दक्षिण कन्नड़ से एक तालुका निकला और उडुपी जिला बना दिया गया।
*राजनैतिक स्वरूप* - दक्षिण कन्नड़ जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम मूडबिद्री, मंगलुरु सिटी उत्तर, मंगलूरु साउथ, मंगलुरु, बन्तवाल, बेलथांगडी, पुत्तूर, सलिया और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की दक्षिण कन्नड़ है।  

*2. उडुपी भुक्ति* - जिलें में उडुपी, ब्रह्मवर:, करकाली, कापू, (कुन्दपुरा कन्नड़ समाज में), हेब्री व बिंदूर नामक 7 में से 6 तहसीलें तुलु समाज में है।
*राजनैतिक स्वरूप* - उड्डपी लोकसभा क्षेत्र में बंतवाल, सुरथकल, कौप, उडुपी, ब्रह्मवर, बैनदुर व मुदाबिदरी ।
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