कन्नड़ समाज

       हमारा कन्नड़ समाज
*A. कलबुर्गी डिवीजन (गुलबर्गा डिवीजन)*

*1. कलबुर्गी (गुलबर्गा) भुक्ति*- जिले में अफजलपुर, भूमि, चिंचोली, चितपुर, गुलबर्गा, कमलापुरा, कलागी, जेवर्गी, सेडाम, शाहबाद व येड्रामी नामक विधानसभा क्षेत्र है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - अफजलपुर, जेवरगी, गुरमितकल, चित्तापुर, सेदम, कलबुर्गी ग्रामीण, कलबुर्गी दक्षिण व कलबुर्गी उत्तर शामिल हैं तथा यह लोकसभा क्षेत्र भी है। 

*2. बेल्लारी  भुक्ति* - जिले में बेल्लारी, काम्पलीक, कुरुगोडु, सैंडुरु व सिरुगुप्पा 5 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - बेल्लारी जिले में 9 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम हदगली, हाजिरीबोममानहल्ली, विजयनगर, कमप्ली, ससिरुगुप्प, बल्लारी, बल्लारी सिटी, सांडुर और कुडलीगी  है और 2 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जिनके नाम बल्लारी, कोप्पल है

*3. बीदर भुक्ति* - जिले में बीदर, बसवकल्याण, कमलनगर, हुलासुरु, चितगोप्पा,भालकी, हुम्नाबाड व औराडी नामक 8 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - बीदर जिले में 6 विधानसभा क्षेत्र है - बसवकल्याण, हुमनाबाद, बीदर दक्षिण, बीदर, भालकी व औरद शामिल हैं.और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है ।

*4. कोप्पल भुक्ति* - जिले में गंगावती, कनकगिरी, कुकनूरी, कराटागी, कोप्पल, कुष्टगी व येलबर्गा नामक 7 विधानसभा क्षेत्र है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -कोप्पल जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र है जो की एल्बुर्ग, कुश्तगी, कनकगिरी, गंगावती, कोप्पल है, और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की कोप्पल लोक सभा क्षेत्र है 

*5. रायचुर भुक्ति* - रायचूर का इतिहास, रायचूर जिले का इतिहास इसका मूल रायचूरू था, यहाँ पर बहमनी, विजयनगर और हैदराबाद का शासन रहा, जिले में देवदुर्गा, लिंगसुगुर, मानवी, मस्की, रायचुर, सिंधनूर व सिरवाड़ नामक 6 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - रायचूर ग्रामीण, रायचूर, मानवी, देवदुर्ग व लिंगसुगुर शामिल हैं विधानसभा क्षेत्र है तथा लोकसभा क्षेत्र भी है। 


*6. यादगिरो भुक्ति* - यादगीर का वातविक नाम यादवगिरि था क्युकी किसी समय में यहाँ पर यादव राजाओ का राज्य था और उस समय यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत समृद्ध था।  जिले में गुरुमितकली, हुनसागी, शाहपुरी, शोरापुर, वडगेरा व यादगिर नामक 5 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - यादगिर जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम गूरमिटकल, यादगीर, शाहपुर, सुरपुर है और जिला स्वयं २ निर्वाचन क्षेत्रो की सीमाओं के बीच है ।

*7. विजयनगर भुक्ति*- जिले का मुख्यालय होसपेट है। - हरपनहल्ली, हागरिबोम्मनहल्ली, हूविना हाडागालिक, होस्पेटे, कोत्तूर व कुडलीगी नामक 7 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - जिले में सिंदगी, नागथन, बीजापुर सिटी, बाबलेश्वर, बसवाना, देवारा हिप्पारगी, मुद्देबिहाल व इंदी नामक 8 विधानसभा क्षेत्र है तथा एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 

*B. बेलगाम डिवीजन ( बेलगावी डिवीजन)*


*8. बागलकोट भुक्ति* - जिले में बादामी, बागलकोट, बिल्गी, इलकल, हुनगुंडा, रबकवि बनहट्टी, तेर्डाला,गुलेदगुड्डा जामखंडी व मुधोलो नामक 11 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - बागलकोट जिले में 7 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम मुधोल, टेरादल, जामखंडी, बिलागी, बादामी, बागलकोट, हंगंड है और यहाँ का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बागलकोट ही है। 


*9. बेलगाम भुक्ति* - इतिहास का वेणुग्राम जिसे आजकल बेलगाम अथवा बेलगावी कहते है, जिले में बैलहोंगल, अथनीस, बेलगाम , चिकोडी, गोकक, हुक्केरि, खानापुर, कागवाडी, मुदालगी, निप्पनी, कित्तूर, रायबाग  रामदुर्ग व सौंदत्ती नामक तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - बेलगाम जिले में 18 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम निप्पानी, चिक्कोडि-सदलगा, आथानी, कागावाड़, कुदाची, रायबैग, हुक्क्री, अरभवी, गोकक, यमकनमड़दी, बेलागवी यूटीतर, बेलागी दक्षहिन, बेलागवी ग्रामीण, खन्नापुर, कितुर, बैलंगल, सऊन्तति येलम्मा, रामदुर्ग है और 3 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जिनके नाम चिकोडी, बेलागवी, उत्तर कन्नड़ है। 

*10. धारवाड़ भुक्ति* - शिक्षा का प्रमुख केन्द्र धारवाड़ जिले में अन्निगेरी, अलनावर, धारवाड़, हुबली, हुबली सिटी, कलघाटगी, कुंडगोली व नवलगुंड नामक 9 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - हुबली-धारवाड़ पूर्व, हुबली-धारवाड़ पश्चिम, हुबली-धारवाड़ मध्य, कलघाटगी, धारवाड़, कुंडगोली, नवलगुंड व शिग्गौन नामक 8 विधानसभा क्षेत्र तथा हुगली धारवाड़ एक लोकसभा क्षेत्र है। 

*11. गडग भुक्ति* - भारत के  प्रसिद्द गायक श्री भीमसेन जोशी जी की जन्म भूमि गडक जिले में गडग-बेटिगेरी, मुंदरगी, नरगुंडो, गजेंद्रगढ़ी, लक्ष्मेश्वर, रॉन व शिरहट्टी नामक 7 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -गदग जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम शिरहट्टी, गदग, रओं, नरगुन्द है, और 2 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की बागलकोट और हावेरी लोक सभा क्षेत्र है।

*12. हावेरी भुक्ति* -हावेरी शब्द कन्नड़ के दो शब्दों से मिलकर बना है - हवु व केरी जिसका मतलब होता है सांपो की भूमि। जिले में  ब्याड्गी, हंगल, हावेरी, हिरेकेरुर, रानीबेन्नूरी, रत्तीहल्ली, सवनूर व शिगगांव नामक 8 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -हावेरी जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम हनागल, शिगागांव, हवेरी, बायदगी, हिरेकरुर, राणेबेन्नूर है, और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की हावेरी लोक सभा क्षेत्र है ।

*13. विजयपुरा ( बीजापुर) भुक्ति* - इस पुराना नाम बीजापुर है। जिलें में विजयपुरा इंडी, मुद्देबिहाली, बबलेश्वर, निदागुंडी, टिकोटा, देवरा हिप्पर्गी, तालिकोटे, चडचान, कोल्हारी, सिंदगी, बसवाना बागेवादी व अल्मेले नामक तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -विजयपुरा जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम मुद्देबिहाल, देवरा हिपारजी, बीजापुर (बीजापुर शहरी), बसवन बुगेवाडी, बाबलेश्वर, इंडी, नागथन, सिंदगीकुडलीगी (एसटी) और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है ।

14. सिरसी उपभुक्ति (उत्तर कन्नड़ मुक्ति) - उत्तर कन्नड़ जिले की सिरसी तहसील कन्नड़ समाज है, जबकि शेष भुक्ति कोंकण समाज में है।
राजनैतिक स्वरूप - सिरसी एक विधानसभा क्षेत्र है।
( नोट - बेलगाम डिवीजन की उत्तर कन्नड़ भुक्ति कोंकणी समाज अंग है) 

 *C. बैंगलोर डिवीजन*

*15. बैंगलोर शहरी भुक्ति*-  अनेकाल, येलाहंका, बैंगलोर उत्तर, बैंगलोर पूर्व व बैंगलोर दक्षिण नामक 5 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - जिले में बैंगलोर उत्तर बैंगलोर दक्षिण, बैंगलोर मध्य व बैंगलोर ग्रामीण नामक चार लोकसभा क्षेत्र है। 

*16. बैंगलोर ग्रामीण भुक्ति* - देवनहल्ली, डोड्डाबल्लापुरा, होसाकोटे व नेलमंगला नामक 4 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -बैंगलोर ग्रामीण जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम होसकोटे, देवनहल्ली, डोड्डाबल्लापुर, नेलामंगला है और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जिसका नाम चिकबल्लापुर है।

*17. चिकाबल्लापुर भुक्ति* - चिकबल्लापुर का इतिहास, चिकबल्लापुर नगर का प्राचीन नाम चिन्ना बल्लापुरुम था, तेलगु में जिसमे चिन्ना का मतलब होता है छोटा, बल्ला का मतलब होता है भोजन की मात्रा और पुरुम का मतलबा होता है गाओं या नगर, इस तरह से इसका नाम पड़ा था, लेकिन कालांतर में इसे चिकबल्लापुर कहा जाने लगा,  जिले में बागपल्ली, चिकाबल्लापुर, चिंतामणि, गौरीबिदानुर, गुड़ीबंद व सिद्लाघट्टा नामक 6 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -चिकबल्लापुर जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम गौविद्दानुर, बेजपल्ली, चिकबलपुर, शिडालाघाट, चिंतामणी और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की चिकबल्लापुर है।

*18. चित्रदुर्ग भुक्ति* - चित्रदुर्ग, भारत के कर्नाटक प्रदेश का एक नगर एवं जिला मुख्यालय है। इसे 'दुर्ग' नाम से भी जाना जाता है। यह कर्नाटक के दक्षिणी भाग से बहने वाली वेदवती नदी की घाटी में स्थित है।छल्लाकेरे, चित्रदुर्ग, हिरियुर, होलालकेरे, होसदुर्ग व मोलाकलमुरु नामक 6 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -  
मोलाकलमुरु, छल्लाकेरे, चित्रदुर्ग, हिरियुर, होसदुर्ग  व होलालकेरे नामक 6 विधानसभा क्षेत्र है जो चित्रदुर्ग लोकसभा क्षेत्र में है। 

*19. दावणगेरे भुक्ति* - यहाँ की भूमि १६वी शताब्दी में एक हीरा व्यापारी ने दान में दी थी इसके बाद में जब हैदर अली मराठो से हार गया था तो उसने यह पूरा भूभाग मराठा सरदार अपोजी राम को दिया था, 1980 में इस समस्त भूभाग को कर्णाटक का मेनचेस्टर कहा जाता था। दावणगेरे जिले में 2 उपमंडल है जिनके नाम दावणगेरे और हरपनहल्ली है जिले में चन्नागिरी, दावणगेरे हरिहर, होन्नालि,जगलुरु व न्यामती नामक 6  तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - दावणगेरे जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम दावणगेरे नार्थ, दावणगेरे साउथ , हरिहर, जगलुर, होणाली, चनणागिरि, हरपनहल्ली, मायकोंडा और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की दावणगेरे है।
*20. कोलार भुक्ति* - कोलार जिले में 1 उपमंडल है, कोलार जिले में बंगारपेट, 
कोलार,  मलूरी, मुल्बगल व श्रीनिवासपुर नामक 5 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - जिले के श्रीनिवासपुरी, मुल्बगल, कोलार गोल्ड फील्ड्स, बंगरापेट, कोलार व मलूरी नामक 6विधानसभा क्षेत्र कोलार लोकसभा में है। 

*21. रामनगर भुक्ति* - रामायण के नायक राम के नाम पर रखा गया नामक रामनगर जिले में एक उपमंडल है जो की रामनगर ही है, जिले में चन्नापटना, कनकपुरा  रामनगर व मगदी नामक चार तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -रामनगर जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम रामनगर, कनकपुरा, मागाडी, चनपाटना और ये जिले २ लोक सभा क्षेत्रो के अंतर्गत आता है, और उन लोक सभा क्षेत्रो के नाम बैंगलोर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र और चिकबल्लापुरा निर्वाचन क्षेत्र है।

*22. शिमोगा भुक्ति* - शिमोगा जिले में 2 उपमंडल है जो की शिमोगा और सिंगरेर है, भद्रावती, होसानगर, सागर, शिकारीपुरा, शिमोगा, सोराब व तीर्थहल्ली नामक 7 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - शिमोगा जिले में 7 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम शिमोगा ग्रामीण, भद्रवती, शिवमोग्गा, थिर्थहल्ली, शिकारीपुर, सोराब, सागर और एक लोकसभा क्षेत्र है जो की शिमोगा है ।

*23. तुमकुर भुक्ति*- तुमकुर जिले में 3 उपमंडल है जो की तुमकुर, तिप्तूर और मधुगिरि है, जिले में चिक्कानायाकनाहल्ली, गुब्बी, हुलियारी, कोराटागेरे, कुनिगाली, मधुगिरी, पवागडा, सिरा, तिप्तूर, तुमकुर व तुरुवेकेरे 11 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -तुमकुर जिले में 11 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम  चिक्कनायकनहल्ली,  गब्बी,  कोराटेगियर,  कुनीगल,  माधुगारी,  पवगाड़ा, सिरा,  टिपुर, तुम्करे शहर, तुम्मर ग्रामीण, तुरूवेकेरे और एक लोकसभा क्षेत्र है जो की तुमकुर है ।



 *D. मैसूर डिवीजन*

*24. मैसूर भुक्ति* - मैसूर का दशहरा भारतवर्ष में प्रसिद्ध है।यह एक संभाग मुख्यालय है तथा जिले में हेग्गदादेवन कोटे, हुन्सुर, कृष्णराजनगर, मैसूर, नंजनगुड, पिरियापटना, सारागुरी व टी. नरसीपुर नामक 9 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - मैसूर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें मदिकेरी, विराजपेट, पिरियापटना, हुनसुर, चामुंडेश्वरी, कृष्णराज, चामराज, नरसिम्हराज शामिल हैं। 

*25. चामराजनगर भुक्ति*- चामराजनगर नगर का प्राचीन नाम अरिकोत्तरा था, चामराजनगर जिले में 2 उपमंडल है जिनके नाम चामराजनगर और हनूर है तथा जिले में चामराजनगर, गुंदलुपेट
कोल्लेगल, हनुरो व येलंडूर नामक 5 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - चामराजनगर जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम चामराजनगर, हनूर, कोलागल, गुंडलूपेट और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की चामराजनगर  है।

*26. चिकमंगलूर भुक्ति* - दक्षिण भारत में इसी जिले में कॉफी की जानकारी लोगो को हुयी थी जब सबसे पहले खोज में कॉफी का पौधा बाबा बदन गिरी पर्वत माला में प्राप्त हुआ, चिकमगलूर सबसे ज्यादा उस समय प्रकाश में आया जब आपातकाल के बाद १९७८ में इंदिरा गाँधी ने यहाँ से चुनाव लड़ा और जीत गयी थी। चिकमगलूर जिले में २ उपमंडल है जिनके नाम चिकमगलुर और तरिकेरे है तथा जिले में  चिकमंगलूर, कडुर कोप्पा, मुदिगेरे, नरसिंहराजपुराज, श्रृंगेरी,अज्जमपुरा व तरिकेर नामक 8 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -चिकमगलूर जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम चिक्कमगालुरु, कादूर, मुडीगियर, सृन्दरि, तारीकेर और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की चिकमगलूर और उड़िपी का संयुक्त रूप से है।

*27. हसन भुक्ति* - हसन का इतिहास, हसन का समस्त भूभाग होयसल राजवंश के अधीन था, जिले में अलुरु, अरकलागुद, अर्सिकेरे, बेलूर, चन्नरायपट्टन, हसन, होलेनारसीपुर व सक्लेश्पुर नामक 8 तहसीलें है। 
*राजनैतिक स्वरूप* -हसन जिले में 7 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम शवणबेलगोला, अरसीकेरे, बेलूर, हसन, होलीनराशीपुर, अराकालगुद, सकलेशपुर है, और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की हसन लोक सभा क्षेत्र है। 

*28. मंड्या भुक्ति* - सांगा मांडवया की तपोभूमि मंड्या में कावेरी, हेमवती, शिमाशा, लोकपावनी और वीरवैष्णवी नामक 5 नदियाँ बहती है। जिले में कृष्णराजपेटी, मद्दुरो, मालवल्ली, मंड्या, नागमंगला, पांडवपुरा व श्रीरंगपट्टन नामक 7 तहसीलें है। 
मांड्या जिले में 2 उपमंडल है मांड्या और पांडवपुरा
*राजनैतिक स्वरूप* - मांड्या जिले में 7 विधानसभा क्षेत्र है जो की मलवल्ली, मैडुर, मेलुकोट, मंड्या, श्रीरंगपट्टना, नागमंगल, कृष्णराजपेट है, और 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो की मांड्या लोक सभा क्षेत्र है ।

29. *कुन्दपुरा उपभुक्ति* ( उड्डपी भुक्ति) - उड्डपी जिले की एक तहसीलें कुन्दपुरा कन्नड़ समाज का अंग है। यह एक तहसील है। 
*राजनैतिक स्वरूप* - यह एक विधानसभा क्षेत्र है। 

( नोट - मैसूर डिवीजन के दक्षिण कन्नड़, व उडप्पी  भुक्तियां मिलकर तुलु समाज बनाते व कोडागू जिला कोडागू समाज है।)

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कन्नड़ भाषा से

1. कन्नड तथा कर्नाटक शब्दों की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न मत हैं। 

(i).  एक मत - "कंरिदुअनाडु" अर्थात् "काली मिट्टी का देश" से कन्नड शब्द बना है तो दूसरे विद्वान के अनुसार "कपितु नाडु" अर्थात् "सुगन्धित देश" से "कन्नाडु" और "कन्नाडु" से "कन्नड" की व्युत्पत्ति हुई है।
(ii).  अन्य मत कन्नडा साहित्य के इतिहासकार आर॰ नरसिंहाचार ने इस मत को स्वीकार किया है। कुछ वैयाकरणों का कथन है कि कन्नडा संस्कृत शब्द "कर्नाट" का तद्भव रूप है। यह भी कहा जाता है कि "कर्णयो अटति इति कर्नाटका" अर्थात जो कानों में गूँजता है वह कर्नाटका है।

2. कन्नड (ಕನ್ನಡ) भारत के कर्नाटक राज्य में बोली जानेवाली भाषा तथा कर्नाटका की राजभाषा है। यह भारत की उन २२ भाषाओं में से एक है जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में साम्मिलित हैं। 

3. द्रविड़ भाषा परिवार की भाषाएँ पंचद्राविड़ भाषाएँ कहलाती हैं। किसी समय इन पंचद्राविड भाषाओं में कन्नड, तमिल, तेलुगु, गुजराती तथा मराठी भाषाएँ सम्मिलित थीं। किन्तु आजकल पंचद्राविड़ भाषाओं के अन्तर्गत *कन्नड, तमिल, तेलुगु, मलयालम तथा तुलु* मानी जाती हैं।

4. कन्नडा भाषा के विकासक्रम की चार अवस्थाएँ मानी गयी हैं। जो इस प्रकार है :

अतिप्राचीन कन्नड (आठवीं शताब्दी के अन्त तक की अवस्था),
हळ कन्नड (प्राचीन कन्नड) (९वीं शताब्दी के आरम्भ से 12वीं शताब्दी के मध्य-काल तक की अवस्था),
नडु गन्नड (मध्ययुगीन कन्नडा) (१२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक की अवस्था) और
होस गन्नड (आधुनिक कन्नडा) (१९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से अब तक की अवस्था)।

5. संस्कृत शब्दावली अति नजदीक भाषा है । अर्थात संस्कृत इसकी जननी है ।
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