*कोंकणी समाज*
भारतवर्ष के सांस्कृतिक इतिहास का एक पन्ना कोंकणी समाज का है। प्राचीन समय कोंकणी समाज एवं कोंकणी व्यक्ति ने अपनी विशेष पहचान बनाकर रखी थी। एक संघर्ष के बाद कोंकणी ने मराठी से अलग कोंकणी भाषा संविधान की 8 वी अनुसूची में स्थान प्राप्त किया। कोंकणी सभ्यता एवं संस्कृति कोंकणी समाज का आर्थिक विकास की कथा लिखनी की मांग करती है। कोंकणी समाज क्षेत्र का भौगोलिक दृश्य सभी के लिए मनमोहक है।
*कोंकणी समाज की संरचना* - प्रउत प्रणेता का छायचित्र बताता है कि कोंकणी गोवा, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर कर्नाटक के क्षेत्र में स्थित है। कोंकणी समाज के केन्द्रीय कार्यालय के निर्देशन में तीन प्रांत इकाई कार्यशील होती है।
*A. गोवा प्रांत इकाई* - इस इकाई के अन्तर्गत संपूर्ण गोवा राज्य आता है। इसमें दो भुक्ति इकाई है।
*1. उत्तर गोवा भुक्ति* - जिले का प्रशासनिक मुख्यालय पणजी है, जो कि गोवा राज्य की राजधानी भी है। जिला कोंकण प्रदेश का एक हिस्सा भी है। जिले का विभाजन छ: तालुकों क्रमश: परनेम, बारदेज़ (मापुसा), बिचोलिम, सतारी (वलपोई), तिस्वाड़ी (पणजी) और पोंडा में किया जाता है।
*राजनैतिक स्वरूप* - उत्तर गोवा लोकसभा सीट के अंतर्गत 20 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें मांड्रेम, कलंगूट, कम्बर्जुआ, पेरनेम, पोरवोरिम, मायेम, बिचोलिम, अलडोना, संकेलिम, तिविम, पणजी, पोरईएम, मापुसा, तालेइगाओ, वालपोई, सोइलिम, सांताक्रूज़, परिओल, सलिगो और सेंट आंद्रे शामिल
*2. दक्षिण गोवा भुक्ति* - दक्षिण गोवा का मुख्यालय मार्गो है। जिले में छ: तालूका साष्टी, मोरमुगाओ, क्यूपेम, कानाकोना, संगुएम व धरबंदोरा ।
*राजनैतिक स्वरूप* - दक्षिण गोवा लोकसभा सीट के अंतर्गत 20 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें पोंडा, नवम, वेलिम, सिरोडा, करतोरिम, क्वेपम, मरकैम, फतरोडा, करचोरेम, मरमुगाओ, मरगांव, संवरडेम, वास्को डि गामा, बेनाउलिम, संगुएम, डाबोलिम, नवेलिम, कनाकोना, कोर्टालिम व कन्सोलिम शामिल हैं ।
*B. महाराष्ट्र प्रांत इकाई* - कोंकणी की महाराष्ट्र इकाई में दो भुक्तियां है।
*1.रत्न्नागिरी भुक्ति* - रत्नागिरी जिला कोंकणी मंडल में है, जिले में मंदनगढ़, दापोली, खेड, चिपलुन, गुहागर, संगमेश्वर, रत्नागिरि, लांजा, राजापुर नामक 9 तहसीलें है।
*राजनैतिक स्वरूप* -
चिपलुन, रत्नागिरी व राजापुरी नामक तीन विधानसभा क्षेत्र रत्नागिरी सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र में है तथा दापोली व गुहागिरी विधानसभा क्षेत्र रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र में है।
*2. सिंधुदुर्ग भुक्ति* - सिंधुदुर्ग ज़िला भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय ओरोस है।सिंधुदुर्ग जिले में प्रशासनिक विभाजन तालुके जिनको तहसील कहते है, ये जिले में 8 है जिनके नाम दोडामार, सवानावाडी, वेंगुर्ला, कुडाल, मलेना, कणकवली, देवगढ़, वैभववाडी है और जिले में 3 उपमंडल है - सावंतवाडी, कणकवली व कुदाल है ।
*राजनैतिक स्वरूप* - कणकवली, कुदाली व सावंतवाडी नामक तीनों विधानसभा क्षेत्र रत्नागिरी सिन्धुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र में है।
*C . कर्नाटक प्रांत इकाई* - कोंकणी समाज की कर्नाटक इकाई के अंतर्गत उत्तर कन्नड़ नामक भुक्ति इकाई है।
*1. उत्तर कन्नड़ भुक्ति* - उत्तर कन्नड़ ज़िला भारत के कर्नाटक राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय कारवार है उत्तर कन्नड़ जिले में 4 उपमंडल है जो की भटकल, करवार, कुमता और सिरसी है, 12 तहसील या तालुका है जिनके नाम करवार, अंकोला, कुमता, होन्नावर, भटकल, (सिरसी कन्नड़ समाज का अंग है), सिद्दपुर, येल्लापुर, मुंडगोड़, हलियाल, जोयदा और डांडेली है।
*राजनैतिक स्वरूप* -उत्तर कन्नड़ जिले में 6 विधानसभा क्षेत्र है जिनके नाम हल्याल, कारवार, कुमता, भटकल, (सिरसी कन्नड़ समाज का अंग है) और येलपुर है और जिला में एक लोकसभा क्षेत्र है जो की उत्तर कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र है ।
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*गोवा का राजनैतिक परिदृश्य एवं समाज आंदोलन*
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1. परिचय - गोवा की आधुनिक व्यक्तिगत पहचान पुर्तगाली शासन के कारण हुई है। 1510 से 19 दिसम्बर 1961 तक पुर्तगाली ही गोवा के भाग्यविधाता थे। भारतीय स्वाधीनता से प्रभावित होकर स्थानीय जन ने भारतीय सेना की मदद से विदेश हुकूमत को उखाड़ फैंका तथा खोया हुआ सम्मान वापस हासिल करने की ओर निकल पड़े।
*2. गोवा का राजनैतिक इतिहास* -केन्द्रशासित प्रदेश एवं स्वतंत्र राज्य के रूप में गोवा में बहुत ध्रवीय राजनैतिक प्रभुत्व रहा है। स्थानीय पार्टियों के अलावा कांग्रेस एवं भाजपा राष्ट्रीय पार्टियां भी राजनैतिक ध्रुव रहे हैं।
गोवा में समाज आंदोलन
कोंकणी समाज
गोवा प्रांत
1. उत्तर गोवा
2. दक्षिण गोवा
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