गुरुंग भाषा , गुरुंग लोगों की भाषा है , जो एक जातीय समूह है, जो नेपाल का मूल निवासी है । गुरुंग भाषा को मनांगी, मुस्तंगी (लोके), तमू की और सेके भी कहा जा सकता है । 1991 की जनगणना के अनुसार नेपाल में सभी गुरुंग बोलने वालों की कुल संख्या 227,918 थी।
गुरुंग समाज की संरचना
नेपाल राजनैतिक इकाई के प्रांत -04 के गंडकी जोन के कास्की जिला , स्यांजा जिला , लमजुंग जिला , तनहुँ जिला , गोरखा जिला , मनांग जिला और मस्तंग जिला तथा धवलागिरी जोन का परबत जिला
की भाषा है।
*1. गोरखा भुक्ति* - नेपाल का चौथा सबसे बड़ा जिला गोरखा प्रांत नंबर 04 का जिला है। ऐतिहासिक रूप से इसके निर्माण के साथ जुड़ा हुआ है। जो आधुनिक नेपाल और महान गोरखा सैनिकों के नाम से है। नेपाली में, खरका का अर्थ है 'घास का मैदान'। खरका बाद में गरखा बने , फिर गोरखा हो गया है।
*2. मनांग भुक्ति* - मनाङ नेपाल के गंडकी प्रान्त जो प्रांत नंबर 4 का एक जिला है।
*3. मुस्तांग भुक्ति* - मस्टैंग जिला जिसे नेपाली में मुस्तंग मुस्तग "उपजाऊ मैदान" गंडकी प्रांत के ग्यारह जिलों में से एक है और सत्तर में से एक है।
*4. कास्की भुक्ति* - कास्की जिला नेपाल के पश्चिमी विकास क्षेत्र के गंडकी क्षेत्र में स्थित एक पर्यटन जिला है । यह जिला अन्नपूर्णा स्नो रेंज और माछापुछरे हिमाल की गोद में बसा है ।
*5. लमजुंग भुक्ति* - लमजुंग जिला नेपाल के गंडकी अंचल का एक जिला। इस जिला का मुख्यालय बेंसीसहर है।
*6. स्यांगजा भुक्ति* - स्यांजा जिल्ला नेपाल के पश्चिमांचल विकास क्षेत्र के गण्डकी अंचल में स्थित एक अत्याधिक उर्वर एवं घना वस्ती समेटा हुआ जिल्ला हैं।
(तनहुँ जिला धवलागिरी जोन का पर्बत भुक्ति शायद गुरुंग समाज में है)
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