पाक अधिकृत कश्मीर एवं समाज आंदोलन

पाक अधिकृत कश्मीर एवं समाज आंदोलन
 
विश्व भूगोल का एक ऐसा क्षेत्र जो आधिकारिक रुप से भारत के मानचित्र का अंग है लेकिन जहाँ पाकिस्तान की अनाधिकृत प्रशासन चलता है। यहाँ की सभ्यता एवं संस्कृति तीन सांस्कृतिक एवं सामाजिक आर्थिक इकाइयां बताता है । 

पाक अधिकृत कश्मीर का इतिहास (POK) का इतिहास (History of POK)

सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय, अंग्रेजों ने रियासतों पर अपना दावा छोड़ दिया और उन्हें भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने के विकल्पों पर निर्णय लेने की आजादी दी। जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत और पाकिस्तान किसी को नहीं चुना और जम्मू और कश्मीर एक स्वतंत्र प्रभुत्व वाला देश बनाना तय किया था।

 जम्मू-कश्मीर में हमला (Pak Invasion on Kashmir)

सन 1947 में पुंछ में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया था. इस विद्रोह का कारण हरि सिंह द्वारा क्षेत्र में किसान पर दंडात्मक कर लगाना था. पाकिस्तान ने इस मौके का फायदा उठाना चाहा।  अक्टूबर 21, 1947 को, उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रांत (NWFP) के कई हजार पश्तून आदिवासियों (जिन्हें पाकिस्तान की सेना का समर्थन प्राप्त था) ने इस इलाके को महाराज के शासन से मुक्त करने के लिए विद्रोह कर दिया था। महाराज के सैनिकों ने इस आक्रमण को रोकने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान समर्थक विद्रोह आधुनिक हथियारों से लैस थे और उन्होंने 24 अक्टूबर 1947 को लगभग पूरे पुंछ जिले पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। आक्रमणकारियों ने मुजफ्फराबाद और बारामूला के शहरों पर कब्जा कर लिया और राज्य की राजधानी श्रीनगर से उत्तर-पश्चिम में बीस मील दूर तक पहुँच गए। इस बिगडती स्थिति को देखते हुए महाराजा हरी सिंह ने 24 अक्टूबर 1947 को भारत से सेन्य मदद की गुहार की और भारत ने कहा कि वह तभी मदद करेगा जब राजा उसके साथ "Instruments of Accession of Jammu & Kashmir to India" पर अपने हस्ताक्षर करेंगे। 

इस प्रकार महाराजा हरि सिंह ने जम्मू & कश्मीर की रक्षा के लिए शेख़ अब्दुल्ला की सहमति से जवाहर लाल नेहरु के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू & कश्मीर के अस्थायी विलय की घोषणा कर दी और "Instruments of Accession of Jammu & Kashmir to India" पर अपने हस्ताक्षर कर दिये। 

पाकिस्तान ने प्रशासन ने  POK को दो भागों में बाँट रखा है। जिन्हें आधिकारिक भाषाओं में जम्मू और कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान कहा जाता है। 

POK में समाज आंदोलन

1. गिलगित समाज

1. अस्तोर भुक्ति
2. दिआमेर भुक्ति
3. तंगिर भुक्ति
4. दारेल भुक्ति
5. गूपिस यासीन भुक्ति
6. गिज़ेर भुक्ति 
7. गिलगित भुक्ति
8. नगर भुक्ति
9. हुन्ज़ा भुक्ति

(भारत सरकार की आधिकारी घोषणा के अनुसार यह लद्दाख राजनैतिक इकाई का अंग है)

2. बल्तिस्तान समाज

1. शिगर भुक्ति
2. स्कर्दू भुक्ति
3. खरमांग भुक्ति
4. रोंदू भुक्ति
5. घांचे भुक्ति 
6. शाक्सगाम घाटी

(भारत सरकार की आधिकारी घोषणा के अनुसार यह लद्दाख राजनैतिक इकाई का अंग है)

3. अस्य कश्यारी समाज अर्थात कश्मीरी समाज 

a. मीरपुर डिवीज़न
1. भिम्बेर भुक्ति
2. कोटली भुक्ति
 3. मीरपुर भुक्ति

( नोट - वर्तमान इसे भारत सरकार ने मीरपुर नाम से कश्मीर का एक जिला घोषित कर दिया है)

b. मुज़फ़्फ़राबाद डिवीज़न*

4. बाग़ भुक्ति
5.मुज़फ़्फ़राबाद भुक्ति 
6. नीलमघाटी भुक्ति

 ( वर्तमान इसे भारत सरकार ने मुज़फ़्फ़राबाद नाम से कश्मीर का एक जिला घोषित कर दिया है)

 c. पुंछ रावलाकोट डिवीज़न 

7. पूंछ भुक्ति
8. रावला कोट भुक्ति
9. सुधनोती भुक्ति 

( वर्तमान इसे भारत सरकार ने पूंछ इसमें भारतीय पूंछ जिला भी मिला दिया है नाम से कश्मीर का एक जिला घोषित कर दिया है)
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